अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन पॉलिसी पर एक मीटिंग के दौरान अफ्रीकी देशों को ‘शिटहोल्स‘ कहा था। जिसके बाद उनके इस अभद्र कमेंट पर अफ्रीकी संघ ने उनसे अपना बयान वापस लेने और माफी की मांग की है। गौरतलब है कि ट्रंप ने हैती और अफ्रीकी देशों के प्रवासियों की रक्षा करने को लेकर कुछ अमेरिकी सांसदों के प्रयासों पर निराशा व्यक्त करते हुए पूछा कि अमेरिका को इन ‘मलिन‘ (शिटहोल) देशों के नागरिकों को क्यों स्वीकार करना चाहिए। अफ्रीकी संघ ने कहा है कि वो ट्रंप के इस कमेंट से हैरान है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर विचार करने के लिए एक आपात सत्र के बाद संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीकी राजदूतों के एक समूह ने कहा कि वे अमेरिकी प्रशासन के इस रवैये से वह चिंतित हैं। उनका अफ्रीका के लोगों के को नीचा दिखाना तथा लोगों की निंदा करना यह रवैया सही नहीं है।
एक बयान में ट्रंप से टिप्पणी वापस लेने और माफी की मांग करते हुए कहा गया है कि समूह बहुत ही निराश है और वह अमेरिका के राष्ट्रपति की घृणित, नस्लवादी और दूसरे देश के लोगों के प्रति नफरत भरी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है। समूह ने उन अमेरिकी लोगों का भी आभार जताया जिन्होंने इन टिप्पणियों की आलोचना की।
ट्रंप ने बाद में ट्वीट कर स्थिति संभालने की कोशिश भी की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘हैती वास्तव में एक बहुत गरीब और दु:खी देश है और हैती से उनके सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं।‘
Never said anything derogatory about Haitians other than Haiti is, obviously, a very poor and troubled country. Never said “take them out.” Made up by Dems. I have a wonderful relationship with Haitians. Probably should record future meetings - unfortunately, no trust!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 12, 2018
एक तरफ जहां ट्रम्प उपनी बात से मुकरते नजर आए वहीं दूसरी तरफ उस बैठक में मौजूद होने का दावा करने वाले डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा है कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को ‘शिटहोल्स’ कहा था और उनके लिए ‘नस्लभेदी’ भाषा का प्रयोग किया था।