तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा गुरुवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने भारत के लोगों की तुलना चीनी लोगों से कर डाली।

उन्होंने कहा कि भारत के लोग चीनियों की तुलना में आलसी हैं, लेकिन यह देश सबसे ज्यादा स्थिर है और विविध परंपराओं का एक जीवंत उदाहरण है। दलाई लामा ने कहा कि चीनियों की तुलना में मुझे लगता है कि भारत के लोग आलसी हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह जलवायु के चलते भी हो सकता है। लेकिन भारत सबसे ज्यादा स्थिर देश है। विश्व पटल पर भारत कोई भी भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था है, जो विश्व में अहम भूमिका निभा सकता है। भारत को शिक्षा पर जोर देना चाहिए, क्योंकि 21वीं शताब्दी में शांति के लिए इसकी सख्त जरूरत है। वहीं वे धार्मिक सहिष्णुता की भावना और विभिन्न परंपराओं को साथ लेकर चलने को लेकर भारत की सराहना करते भी नजर आए।

दलाई लामा का कहना है कि तिब्बत की अपनी अलग संस्कृति है और जैसे चीनी लोग अपने देश को प्यार करते हैं, वैसे ही हम अपने राष्ट्र को चाहते हैं। वहीं तिब्बत की अहिमयत गिनवाते हुए दलाई ने कहा कि यहां से कई नदियां निकलती हैं, जिनकी मदद से करोड़ों लोग जीवन जी रहे हैं, ऐसे में तिब्बत का महत्व को समझा जा सकता है।

वहीं धर्म के नाम पर की जा रही राजनीति को भी उन्होंने आड़े हाथ लिया और कहा कि राजनेता इसका गलत इस्तेमाल करते हैं और लोगों को बांटते हैं।

आपको बता दें कि तिब्बत से निर्वासित नेता दलाई लामा को भारत ने शरण दी हुई है। चीन इसका विरोध करता रहा है। दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं।

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