पिछले कई दिनों से भूटान सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव का माहौल हैं। इसके चलते कल भारत ने चीन सीमा पर अपने और सैनिक भेज कर कड़ा संदेश दिया था और बता दिया कि अब 62 वाला दौर नहीं हैं, भारत अब मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। भारत और चीन के बीच अक्सर सीमा विवाद के चलते तनाव का माहौल देखा जा सकता हैं। उधर खबरों के मुताबिक, अमेरिका तथा चीन के बीच भी तनाव का माहौल है।

दरअसल रविवार को चीन के साउथ चाइना सी में अमेरिकी जंगी जहाज “यूएसएस लासेन” की मौजूदगी से चीन आगबबूला हो गया है। अमेरिकी नौसेना का जहाज साउथ चाइना सी में स्थित एक विवादित द्वीप के 12 समुद्रीय मील के दायरे में घुस गया था। इस बौखलाहट में चीन ने अपने युद्ध पोत और लड़ाकू विमान को अमेरिकी जहाज़ को चेतावनी देने भेज दिया।

चीन ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है, साथ ही चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर वह इस प्रकार की उकसावे की कार्रवाई करेगा तो गंभीर परिणाम होंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कल बताया कि,“चीन ने अमेरिकी पोत को दूर रहने की चेतावनी देने के लिए सैन्य पोतों और लड़ाकू विमानों को भेजा है।” सरकारी संवाद समिति ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि,“मिसाइल विध्वसंक ‘यूएसएस स्टेथेम ने शिशा द्वीप के निकट चीन के क्षेत्रीय जल में अनधिकृत प्रवेश’ किया। चीनी पक्ष इससे गंभीर रूप से असंतुष्ट है और इसकी कड़ी निंदा करता है।” इस द्वीपसमूह को चीन शिशा द्वीप करार देता है। इस द्वीप श्रृंखला पर ताइवान और वियतनाम भी दावा करते हैं।

China was angry to saw the US ship in "South China Sea", china Gave Threat Of war

चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है उसका कहना है कि पूरा दक्षिण चीन उसका है। इतना ही नहीं चीन वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से यह दूसरा अमेरिकी नौसैन्य पोत है जो विवादित द्वीप पहुंचा है। दरअसल इस क्षेत्र में हर साल करीब 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस किया जाता है। यही कारण है कि चीन के साथ वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान और ब्रुनेई भी साउथ चाइना सी पर अपना-अपना हक जताते हैं।

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