अपनी विभिन्नता में एकता की पहचान से पहचाने जाने वाले हिन्दुस्तान की अखंडता को लेकर एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी एक बार फिर अपने विवादित बयानों और बड़बोलेपन की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं। अकबरुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो मुस्लिमों को धार्मिक आधार पर वोट देने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं, साथ ही वह पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रहे है। इस वीडियो के सुर्खियों में आने के बाद विवाद होना तो तय हैं।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,आज मुल्क के सेकुलर लोग कहां हैं। अखलाक को मारा गया, नोमान को मारा गया, जुनैद को मारा गया, उत्तराखंड में एक लड़की पर तेजाब फेंका गया, क्यों! क्योंकि वह मुस्लमान है? क्या सर पर टोपी और दाढ़ी रखना गुनाह हैं? क्या  मुसलमान होना गुनाह है? ओ विश्व हिंदू परिषद वालों, बजरंग दल वालों, नरेंद्र मोदी सुन लो ये मुल्क तेरे बाप की जागीर नहीं! ये मुल्क जितना तेरा है, उतना मेरा भी है। अगर हिंदू तिलक लगाकर घूम सकता है तो मुसलमान भी टोपी पहन दाढ़ी बड़ा कर घूम सकता है।‘ ओवैसी के कड़वे बोल यहीं नहीं रूके उसने भारत के संविधान पर प्रश्नचिंह लगाते हुए कहा कि मुसलमानों की बर्बादी के कानून किसी चौक चौराहे पर नहीं बल्कि संसद और विधानसभा जैसे सदनों में बनते हैं। अगर हम सभी मुस्लमान भाई आपस में मिल जाए तो आज मैं दावे से कह सकता हूं कि हमें किसी के रहमों करम पर पलने की जरूरत नहीं। हमारा भाई खुद अपने भाईयों के वोट से लोकसभा के 50 सीटों को जीत सकता है। लेकिन आज हम विभिन्न क्षेत्रों में बंटे पड़े हैं।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि दोनों भाईयों ने भारत की अखंडता को तोड़ने के लिए भारतीय संस्कृती, सभ्यता, जाति, धर्म, मजहब के नाम पर आपसी भाईचारे के बीच फूट डालने का काम किया है। इससे पहले भी दोनों (असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी) ने अपने भड़काऊ बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहने का कारण तलाशते रहे है। इससे पहले ओवैसी ने भारत के संसद के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा था कि भले ही हिन्दुस्तान की राजधानी दिल्ली हो लेकिन मुस्लमानों की राजधानी केवल हैदराबाद है। बता दे की भारत के विभिन्न राज्यों में मुस्लिमों के लिए नाकारात्मक सोच और तर्क यहीं से जाते हैं।

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