Brazil के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) पर उनके देश की संसदीय समिति ने कुल मिलाकर नौ आरापों में मुकदमा चलाने और साथ ही साथ महाभियोग (impeachment) चलाने की सिफारिश की है।
समिति ने बोल्सोनारो पर जो महाभियोग चलाने की सिफारिश की है उसे जब तक चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष की मंजूरी नहीं मिल जाती है, तब तक वह महाभियोग से बचे रहेंगे। वैसे कहा यह जा रहा है कि चेंबर ऑफ डेप्यूटीज बोल्सोनारो के करीबी लोगों में शुमार हैं।
संसदीय समिति ने आरोपों की 6 महीने तक जांच की
इस मामले में सेनेटर रेनान कैलहाइरोस ने संसद के सामने समिति की अंतिम रिपोर्ट को पेश की। यह समिति राष्ट्रपति बोल्सोनारो की कोरोना महामारी संबंधी नीतियों और निर्देशों की जांच कर रही थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट देने में कुल 6 महीने जांच की और उसके बाद यह रिपोर्ट संसद के सामने पेश की गई है।
खबरों के मुताबिर करीब 1,200 पेज की रिपोर्ट में बोल्सोनारो पर सरकारी धन के कथित दुरुपयोग का भी आरोप लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक बोल्सोनारो ने कोविड के शुरुआती दौर में मलेरिया की दवाई की सिफारिश करने के कोई और नीतिगत फैसला नहीं लिया। जिससे ब्राजील की जनता की जान बच सके।
समिति की रिपोर्ट पर संसद में वोटिंग होगी
इस समिति में कुल 11 सदस्य थे। जिनमें से 7 विपक्षी दलों से या फिर निर्दलीय थे। इस समिति ने जांच के दौरान पिछले 6 महीने में दर्जनों लोगों के बयान लिए। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस रिपोर्ट पर संसद में अगले हफ्ते वोटिंग हो सकती है।
संसद में इस रिपोर्ट को पारित करने के लिए बहुमत की जरूरत होगी। अगर ये रिपोर्ट संसद में पास हो जाती है तो फिर इसे प्रॉसीक्यूटर जनरल को भेजा जाएगा। प्रॉसीक्यूटर जरनल ही मुकदमा चलाने पर फैसला करेगा।
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