आखिरकार पाकिस्तान ने मान लिया है कि उसकी जमीन से आतंक को पनाह मिल रहा है। खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ये बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि अगर पकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बार-बार होने वाली शर्मिंदगी से बचना है तो उसे अपने धरती पर पनाह लिए आतंकी संगठनों पर लगाम लगाना होगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों चीन में संपन्न हुए ब्रिक्स सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने एक सुर से सभी तरह के आतंकवाद से निपटने की बात की थी और आतंकवाद के खिलाफ एक घोषणापत्र जारी किया था। इस घोषणापत्र में अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पर भी निशाना साधा गया था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने देश के रहनुमाओं को आगाह किया है कि अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता रहेगा। आसिफ ने यह भी कहा कि दुनिया को यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि पाकिस्तान का आतंकवाद से कुछ लेना-देना नहीं है।

एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार में आसिफ़ ने पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के अस्तित्व को स्वीकार किया। उन्होंने कहा हमें अपने मित्रों को विश्वास दिलाने की जरूरत है कि हमने अपना घर सुधार लिया है।  हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करने से बचने के लिये अपने यहां चीजों में सुधार करने की जरूरत है।

विदेश मंत्री के अनुसार, ब्रिक्स घोषणापत्र को चीन का आधिकारिक रुख नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि रूस, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी इस समूह समूह का हिस्सा हैं। आपको बता दें कि आसिफ जल्द ही चीन के दौरे पर जाने वाले हैं और उनका यह बयान ब्रिक्स के आतंकवाद विरोधी घोषणापत्र के बाद डैमेज कंट्रोल करने वाला माना जा रहा है।

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