अबू धाबी ने हिंदी भाषा को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अबू धाबी ने अब ‘अरबी’ और ‘अंग्रेजी’ के बाद ‘हिंदी’ को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल किया है।

अबू धाबी सरकार के इस कदम का मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है।

अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को कहा कि उसने श्रम मामलों में अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है।

एडीजेडी के अवर सचिव युसूफ सईद अल अब्री ने कहा कि दावा शीट, शिकायतों और अनुरोधों के लिए बहुभाषा लागू करने का मकसद, प्लान 2021 की तर्ज पर न्यायिक सेवाओं को बढ़ावा देना और मुकदमे की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है।

बता दें आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा विदेशों के प्रवासी लोग हैं। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय लोगों की संख्या 26 लाख है जो देश की कुल आबादी का 30 फीसदी है।

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