Prayagraj Violence: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले दिनों जुमे की नमाज के बाद हिंसा और बवाल हुआ था। पुलिस इस मामले की तेजी से जांच कर रही है। वहीं अब फिर से जुमे का दिन आने के बाद सरकार सख्त हो गई है और किसी भी तरह से पिछली घटना को दोहराना नहीं चाहती।
इसी कड़ी में 17 जून को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। जगह- जगह भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। वहीं अटाला में पुलिस बल की तैनाती करते हुए सेना ने इलाके को छावनी में तब्दील कर लिया है। यूपी पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की ब्रीफिंग भी कर दी गई है।
Prayagraj Violence: अटाला में ड्रोन से की जाएगी निगरानी
10 जून को प्रयागराज में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने खूब उन्माद मचाया था। हिंसा से अटाला क्षेत्र अधिक प्रभावित हुआ था। कल होने वाली नमाज से पहले अब पुलिस हिंसाग्रस्त अटाला इलाके की ड्रोन से निगरानी कर रही है। ड्रोन कैमरे से 2 किलोमीटर के दायरे में घरों की छतों की निगरानी हो रही है। पुलिस पल -पल की अपडेट ले रही है ताकि किसी भी तरह की घटना से बचा जा सके।
प्रशासन को ड्रोन के जरिए अगर किसी घर की छत पर कोई संदिग्ध वस्तु या कोई ईंट पत्थर नजर आ रहे हैं तो उसे भी चिन्हित किया जा रहा है। अटाला इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जुमे की नमाज से पहले दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस जवानों की गई तैनाती की गई है।
जुमे की नमाज को लेकर मस्जिदों के इमामों से भी अपील की गई है कि वो लोगों को जुमे की नमाज आस -पास की मस्जिदों और अपने घरों में करने को कहे। साथ ही नमाज के बाद भीड़ इकट्ठा ना करने और शान्ति की अपील की गई है।
Prayagraj Violence: अटाला हिंसा का मास्टरमाइंड है जावेद पंप
बता दें कि जावेद पंप को इस हिंसा का मास्टरमांइट बताया जा रहा है। जिसके चलते फिलहाल वो पुलिस हिरासत में है। साथ ही चार और लोग भी इस आरोप गिरफ्तार किए गए हैं। 17 जून को जावेद पम्प सहित चारों अभियुक्तों को कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देना है। इस घटना के लिए 10 जून को ही पुलिस ने देर रात जावेद पम्प को गिरफ्तार किया था। 11 जून की सुबह पुलिस ने जावेद पम्प को मास्टर माइंड घोषित किया था। बाद में 12 जून को जावेद पम्प के घर को बुल्डोजर से गिरा दिया गया था।
10 जून की हिंसा से पहले प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 111 के तहत जावेद पम्प सहित 4 लोगों को नोटिस भेजा था। 9 जून को ही धारा 107/116 के तहत जावेद पम्प पर पांबदी लगाई गई थी। ये नोटिस एक साथ जावेद पम्प, अनवारुल हक़, नौशाद और रजत दुबे को दिया गया था।
नोटिस में लिखा था कि अभियुक्तों द्वारा आस-पास तरह- तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। झूठी अफवाहों को बढ़ा- चढ़ा कर धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। जिससे शांति भंग हो रही है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि 9 जून को प्रशासन को जावेद पम्प की साजिश में शामिल होने की जानकारी थी बावजूद इसके वो कैसे सफल हो पाया।
संबंधित खबरें: