Agnipath Myths Vs Facts: सरकार ने प्रदर्शन को देखते हुए दिए कई गलत धारणाओं के जवाब, जानें आखिर क्या है इस स्कीम के पीछे की कहानी

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Agnipath Myths Vs Facts: सरकार ने प्रदर्शन को देखते हुए दिए कई गलत धारणाओं के जवाब, जानें आखिर क्या है इस स्कीम के पीछे की कहानी
Agnipath Myths Vs Facts: सरकार ने प्रदर्शन को देखते हुए दिए कई गलत धारणाओं के जवाब, जानें आखिर क्या है इस स्कीम के पीछे की कहानी

Agnipath Myths Vs Facts: अग्निपथ स्कीम की घोषणा होने के बाद देश के कई हिस्सों में भयंकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसको देखते हुए केन्द्र सरकार ने एक डॉक्यूमेंट जारी किया है जिसमें भर्ती को लेकर कई बातें समझाई गई हैं, इस डॉक्यूमेंट का नाम “Myths And Facts” रखा गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें इस बात से सबसे ज्यादा परेशानी है कि चार साल के लिए नौकरी का समय उनके लिए काफी कम है और उनके भविष्य की भी सिक्योरिटी नहीं दी गई है।

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इस प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने बताया कहा है कि जो भी अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं, उन्हें बता दें, कि सरकार उनके भविष्य के लिए प्लान बनाकर चल रही है। जैसे जो अग्निवीर सेवा करने के बाद अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनको आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही बैंक से लोन लेते समय भी कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।

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जो अग्निवीर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं उन्हें 12वीं के डिग्री के समान एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा जो अन्य सर्टिफिकेट की तरह ही इस्तेमाल हो सकता हो। वहीं, जो अग्निवीर सेवा के बाद नौकरी करना चाहते हैं उन्हें Central Armed Police Forces (CAPFs) और राज्य पुलिस में भर्ती के दौरान मान्यता दी जाएगी, उनके लिए विभिन्न एवेन्यू में भी भर्ती के समय प्राथमिकता दी जाएगी।

Agnipath Myths Vs Facts: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस स्कीम के लागू होने के बाद भर्तियों में कमी आ जाएगी। लेकिन वहीं, सरकार ने कहा कि इस योजना के बाद आने वाले कुछ सालों में तीन गुना ज्यादा भर्तियां होने लगेंगी।

Agnipath Myths Vs Facts: एक पूर्व आर्मी अफसर का कहना है कि इस योजना के बाद रेजिमेंटल बॉन्डिंग पर असर पड़ेगा। इसका जवाब देते हुए इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि रेजिमेंटल बॉन्डिंग में किसी तरह की छेड़खानी नहीं की जाएगी। बल्कि रेजिमेंटल बॉन्डिंग के कॉन्सेप्ट पर जोर दिया जाएगा। इसमें सर्वश्रेष्ठ अग्निवीरों का चयन किया जाएगा, जिससे यूनिट की एकजुटता को और बढ़ावा मिलेगा।

Agnipath Myths Vs Facts: लोगों का कहना है कि इस स्कीम के लागू होने से आर्म फोर्स के प्रभावशीलता को नुकसान पहुंचाएगा। सरकार ने इसको लेकर कहा कि यह एक तरह की गलत धारणा है। सरकार ने बताया कि इस स्कीम के लागू होने के बाद पहली भर्ती के समय सेना का मात्र तीन प्रतिशत हिस्सा ही अग्निवीर होगा। बाकि सभी पुराने सैनिक ही रहने वाले हैं और आने वाले समय में इन अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को दोबारा भर्ती किया जाएगा तो एक समय के बाद सब पहले जितना या कह सकते हैं पहले से भी ज्यादा प्रभावशाली हो जाएगा।

Agnipath Myths Vs Facts: लोगों ने इस स्कीम की आलोचना करते हुए कहा कि 21 साल के युवाओं को आर्मी में शामिल करना हैरान करने वाला फैसला है। इसका जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि अभी अग्निवीरों के शामिल होने से 50%-50% के साथ अग्निवीर और बाकि सैनिक होंगे। कई ऐसे देश हैं जो अपने जवान सैनिकों पर ही निर्भर हैं। एक लंबे समय के बाद ही देश की पूरी सुरक्षा व्यवस्था इन युवा सैनिकों पर निर्भर होगा।

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Agnipath Myths Vs Facts: कुछ लोगों ने कहा कि 21 साल जैसी छोटी आयु में सेवा देने के बाद रिटायर होने के बाद ये युवा नौकरी के लिए आतंकी संगठनों को ज्वाइन कर सकते हैं क्योंकि इन्हें सभी तरह की तकनीकों का पता चला जाएगा। लेकिन सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा कि ऐसे सवाल का मन में आने मात्र से ही हमारे देश के सैनिकों की बेइज्जती कर दी गई है।

सरकार की तरफ से कहा गया कि जिन युवाओं ने एक बार सेना की वर्दी पहन ली है वो चार साल नहीं बल्कि जिंदगी भर के लिए देश को समर्पित हो जाता है। इस बात का उदाहरण देते हुए कहा गया कि आज हजारों ऐसे सैनिक हैं जो युवा हैं और रिटायर हो गए हैं लेकिन उन्होंने तो अब तर आतंकी संगठन ज्वाइन नहीं किया और न ही कोई गैर-कानूनी हरकत करते देखे जाते हैं।

Agnipath Myths Vs Facts: कई रिटायर अफसरों इस बात से नाराज हैं कि यह स्कीम लागू करने से पहले उनसे राय क्यों नहीं ली गई। इसके जवाब में सरकार ने एक अपनी तरफ से सफाई पेश करते हुए कहा कि यह फैसला कई रिटायर आर्मी अफसरों के साथ विचार-विमर्श करते हुए लिया गया है। उन सभी को इस स्कीम का महत्व पता है और यह भी जानते हैं कि आने वाले समय में यह स्कीम कितनी उपयोगी साबित होने वाली है।

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