Lalu Yadav: RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने इलाज के लिए सिंगापुर पहुंच गए हैं। सिंगापुर में उनकी बेटी रोहिणी ने उनका स्वागत किया। रोहिणी ने ट्विटर पर पोस्ट करके खुद इसकी जानकारी दी। दरअसल, लालू यादव काफी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, वो किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में बेहतर इलाज के लिए वो सिंगापुर रवाना हो गए हैं। हाल ही में लालू यादव की याचिका पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने उनका पासपोर्ट रिलीज करने की अनुमति दे दी थी, जिसके बाद उनके जाने का रास्ता साफ हो गया।
Lalu Yadav: इन बीमारियों से ग्रसित है लालू यादव
लालू यादव को डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी की बीमारी, किडनी स्टोन, तनाव, थैलीसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड बढ़ना, ब्रेन से सम्बंधित बीमारी, कमजोर इम्युनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी में दिक्कत और आंखों में समस्या जैसी कई बीमारियों ने घेर रखा है।
हालांकि, उनकी किडनी की समस्या सबसे बड़ी है। लालू की किडनी लेवल फोर में यानी लास्ट स्टेज में है जो 20 से 25 प्रतिशत ही काम करती है। ऐसे में उनका किडनी ट्रांसप्लांट होगा या नहीं, इसका फैसला सिंगापुर के डॉक्टर करेंगे।
Lalu Yadav: सिंगापुर में रहती है बेटी रोहिणी
बता दें कि सिंगापुर में लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या रहती हैं। लालू यादव रोहिणी के पास ही रहकर अपना इलाज कराएंगे। मंगलवार की शाम वे दिल्ली से परिजनों के साथ-साथ पार्टी नेताओं और सेवकों की टीम के साथ सिंगापुर रवाना हुए हैं। लालू के परिवार के लोगों का कहना है कि इलाज को लेकर उन्हें लंबे समय तक सिंगापुर में रहना पड़ सकता है। लिहाजा सारी तैयारी के साथ वे सिंगापुर गए हैं।
Lalu Yadav: CBI ने चार्जशीट की दायर
बताते चलें कि लालू यादव को हाल ही में एक बार फिर से आरजेडी का अध्यक्ष चुना गया है। 5 जुलाई 1997 को स्थापना काल से अबतक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ही हैं। लालू यादव ऐसे समय में सिंगापुर गए हैं, जब CBI ने जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में लालू और उनके परिवार समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लाॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई।
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