हरियाणा कांग्रेस में सबकुछ सही नहीं, हुड्डा की गुलाम नबी से मुलाकात ने बढ़ा दी सियासी हलचल

भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं। वो आलाकमान तक सीधी पहुंच रखते हैं, लेकिन पिछले कुछ वक्त से वो पार्टी से लगातार दूरी बनाते दिखे हैं।

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Haryana Congress Tussle: गुलाम नबी आजाद से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मिलने पर हरियाणा सियासत में हलचल, कुमारी शैलजा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी, एक्शन लेने की मांग
Haryana Congress Tussle: गुलाम नबी आजाद से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मिलने पर हरियाणा सियासत में हलचल, कुमारी शैलजा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी, एक्शन लेने की मांग

Haryana Congress Tussle: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच खींचतान चल रही है। इसी बीच कुमारी शैलजा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की आलाकमान से शिकायत की है। खबर है कि कुमारी शैलजा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष की शिकायत की है। चिट्ठी में उन्होंने सोनिया गांधी से कहा है कि हुड्डा को कारण बताओं नोटिस दिया जाए।

दरअसल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की है, जो कुमारी शैलजा को नागवार गुजरी। कुमारी शैलजा ने हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि हुड्डा को कारण बताओं नोटिस जारी होना चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद उनसे मुलाकात की है।

Haryana Congress Tussle: गुलाम नबी आजाद से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मिलने पर हरियाणा सियासत में हलचल, कुमारी शैलजा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी, एक्शन लेने की मांग
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ये सभी लोग जी-23 गुट का हिस्सा भी हैं। इसके बाद से ही हुड्डा पर उनके विरोधी नेता लगातार हमला कर रहे हैं। वहीं, गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद से ही कांग्रेस के तमाम नेता उनपर हमला कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर पार्टी के बीच अंदरूनी कलह तेज हो गई है।

Haryana Congress Tussle: जी-23 का हिस्सा हैं हुड्डा

बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं। वो आलाकमान तक सीधी पहुंच रखते हैं, लेकिन पिछले कुछ वक्त से वो पार्टी से लगातार दूरी बनाते दिखे हैं। वो कांग्रेस के नाराज गुट जी-23 का भी हिस्सा हैं। इन सभी नेताओं ने खुलकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। वहीं, अब गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद इस गुट के कई नेताओं की उनसे मुलाकात ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

बताया जा रहा है कि ये नाराज गुट अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश कर रहा है।

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Haryana Congress Tussle: कुमारी शैलजा और हुड्डा के बीच विवाद है पुराना

आपको बता दें कि कुमारी शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के बीच तनातनी तो काफी पुरानी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद से ही दोनों के बीच मतभेद शुरू हो गया था। हार के बाद शैलजा ने खुलकर हुड्डा पर हमला बोला था और कहा था कि उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके बाद तमाम मुद्दों पर शैलजा ने हुड्डा को घेरा। ये लड़ाई तब ज्यादा बढ़ गई जब उदयभान को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी गई, जो हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। कुमारी शैलजा की जगह उन्हें ये पद दिया गया। इसे आलाकमान की तरफ से हुड्डा को मनाने की एक कवायद माना गया।

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Haryana Congress Tussle: 26 अगस्त को आजाद ने दिया था इस्तीफा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उन्होंने सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा सौंपा था। जिसमें कांग्रेस पार्टी के हाल के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार बताया गया। जानकारी के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे।

वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के गुट जी-23 में भी शामिल थे। जी-23 गुट लंबे समय से बदलाव की मांग कर रहा था। आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया।

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