आशाराम (Asharam) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली। जेल में ही रहकर ही उनको इलाज कराना होगा। Asharam की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारीज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जेल में आपको आयुर्वेद के इलाज की व्यवस्था कराने को तैयार है। आसाराम ने मेडिकल के आधार पर जमानत देने की मांग की थी। बता दें कि Supreme Court से आसाराम को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को जमानत याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में आशाराम ने उत्तराखंड के एक आयुर्वेद केंद्र में चिकित्सा उपचार के लिए सजा को अस्थायी रूप से निलंबित करने और आयुर्वेदिक इलाज के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी थी। 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का दोषी पाने के बाद जोधपुर की एक अदालत ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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इससे पहले Asharam की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक बलात्कार पीड़ित बच्ची के पिता ने अपने परिवार के सदस्यों की जान को खतरा होने का अंदेशा जताते हुए Supreme Court का दरवाजा खटखटाया था। Asharam की लंबित याचिका में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया था। बलात्कार पीड़िता के पिता ने अपने आवेदन में कहा था, ‘आसाराम बहुत प्रभावशाली है और राजनीतिक संपर्क रखने वाला है। देशभर में याचिकाकर्ता के पास लाखों अंधभक्तों की फौज है और सुपारी लेकर चश्मदीदों की हत्या करने वाले और उन पर हमला करने वाले कार्तिक हलदर नामक शख्स ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि याचिकाकर्ता ने हत्या के लिए उसे आदेश दिया था।’

राजस्थान सरकार ने कहा Asharam की हालत में सुधार

वहीं, राजस्थान सरकार ने Supreme Court से कहा था कि Asharam स्वस्थ है और उसकी हालत में बेहद सुधार है, लेकिन चिकित्सीय उपचार के बहाने वह अपनी हिरासत की जगह बदलना चाहता है। वह बलात्कार के दो मामलों में जोधपुर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। राज्य सरकार ने आसाराम की नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में यह बात कही थी। बता दें कि Corona से पीड़ित हो चुके आसाराम ने आग्रह किया है कि उन्हें एलोपैथिक दवाओं के सहारे न रखा जाए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक राज्य को इस संबंध में पक्ष रखने के लिए कहा है और अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

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