CBSE बोर्ड वाले स्कूल की 8वीं की परीक्षाएं नहीं ले सकेगा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

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Decision in favour of CBSE
Decision in favour of CBSE

CBSE बोर्ड वाले स्कूल की 8वीं की परीक्षाएं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड नहीं ले सकेगा। कुछ समय पहले हरियाणा सरकार ने फैसला लिया था कि सीबीएसई बोर्ड के तहत आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के तहत परीक्षा देनी होगी।

सरकार के इस फैसले से सभी प्राइवेट स्कूलों में नाराजगी थी। लेकिन अब Punjab-Haryana High-Court ने फैसला लिया है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सीबीएसई स्कूलों की आठवीं की परीक्षाएं नहीं ले सकता।

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Punjab-Haryana High-Court ने CBSE Board के पक्ष में लिया फैसला

Haryana School Education Board के फैसले को चुनौती देने वाली Haryana Progressive School Conference की याचिका पर Punjab-Haryana High-Court ने बोर्ड से जवाब मांगा था कि हरियाणा में ICSE और CBSE से संबद्ध स्कूलों के विद्यार्थियों को आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा भी लेने की अनुमति क्यों दी जाए। हरियाणा बोर्ड को 10 जनवरी तक इस मामले में अपना जवाब पेश करने का समय दिया गया था।

याचिकाकर्ता संगठन ने बताया था कि उनके स्कूलों का Haryana School Education Board और Haryana Board से कोई लेना-देना नहीं है यहां तक कि Syllabus भी पूरी तरह से अलग है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए Punjab-Haryana High-Court ने फैसला लिया कि Haryana School Education Board और Haryana Board, सीबीएसई बोर्ड वाले स्कूलों की 8वीं की परीक्षाएं नहीं ले सकता है।

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कुछ समय पहले ही लिया गया था फैसला

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन जगबीर सिंह ने HBSE का हवाला देते हुए कहा था कि हरियाणा बोर्ड में क्लास 0-12 तक सभी कक्षाएं एक ही बोर्ड से होती हैं, इसलिए वे जब चाहे किसी भी कक्षा की बोर्ड परिक्षा ले सकते हैं। साथ ही जगबीर सिंह ने कहा था कि हरियाणा के CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूल के 9वीं कक्षा में दाखिला लेने के लिए छात्र को हरियाणा बोर्ड से आठवीं कक्षा पास की होनी चाहिए, ये आदेश दिया गया था कि बिना हरियाणा बोर्ड पास किए उसे सीबीएसई बोर्ड मान्यता प्राप्त विद्यालय की 9वीं कक्षा में दाखिला नहीं मिल सकेगा।

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हरियाणा सरकार के फैसले से प्राइवेट स्कूलों में थी नाराजगी

हरियाणा सरकार के फैसले से प्राइवेट स्कूलों में शुरू से ही नाराजगी थी। फैसला आने के तुरंत बाद ही उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। प्राइवेट स्कूलों का कहना था कि यह फैसला हरियाणा शिक्षा नियमावली-2003 एवं सीबीएसई नियमावली का उल्लंघन कर रही है।

बताया गया था की हरियाणा शिक्षा नियमावली-2003 के आर्टिकल-33, सब क्लॉज-03 में साफ लिखा हुआ है कि हरियाणा की भूमि में कोई भी विद्यालय दो बोर्ड से संचालित नहीं किया जा सकता है। साथ ही प्राइवेट स्कूलों का कहना था कि अगर सीबीएसई बोर्ड इतना ही खराब है तो हरियाणा से इसे पूर्ण रूप से खत्म किया जाना चाहिए।

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