Dussehra: Neeraj Chopra की यह तस्वीर बनी आकर्षण का केंद्र, यात्रियों के स्वागत के लिए Mysore Railway Station तैयार

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Mysore
Mysore ready for Dussehra

Dussehra: शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी (Mahanavmi) पर पूजा-हवन किया जाता है। माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। नवरात्र में यह अंतिम देवी हैं। हिमाचल के नंदापर्वत पर इनका प्रसिद्ध तीर्थ है, माना जाता है कि इनकी पूजा करने से बाकी देवियों कि उपासना भी स्वंय हो जाती है। मां सिद्धिदात्री की उपासना के बाद दशहरा आता है। यानी की 15 अक्तूबर को देश दशहरा मनाने वाला है। इससे पहले ही दशहरा की तैयारियां दिख रही हैं।

Mysore बना आकर्षण का केंद्र

दशहरा पर हर साल कर्नाटक का मैसूर आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां पर दशहरे के अवसर पर मैसूर पैलेस को शानदार तरह से सजाया जाता है। साथ ही सड़कों और सरकारी संपत्तियों का रंग रूप देखने लायक रहता है। एक बार फिर दशहरा के लिए मैसूर तैयार हो गया है। यहां पर रेलवे स्टेशनों को बहुत अच्छी तरह से सजाया गया है। वहीं भारत को जैवलीन में गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा को यहां पर दिखाया गया है।

यह तस्वीर मैसूर से सामने आई है जिसमें भारत को गर्व का पल देने वाले नीरज चोपड़ा को दिखाया गया है। लाइट की लड़ियों के सहारे गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को जैवलीन फेंकते हुए बनाया गया है। साथ ही तस्वीर में ओलंपिक की रिंग भी दिख रही है।

कोरोना काल देश से अभी तक खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन ही इसे खत्म कर सकती है। वैक्सीन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दशहरे के मौके पर मैसूर में लाइट की लड़ियों के सहारे कोरोना के समय में वैक्सीनेश का महत्व समझाया गया है।

दशहरे के अवसर पर लोग दूर दूर से मैसूर जाते हैं। क्योंकि यहां पर दशहरे को खास अंदाज में मनाया जाता है। यात्रियों के आगमन के लिए मैसूर रेलवे स्टेशन को बहुत ही सुंदर तरह से सजाया गया है।

रेलवे स्टेशन का यह दृश्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यात्रियों को यह तस्वीर अपनी तरफ खींच रही है। लोग सेल्फी लेने के लिए यहां पर पहुंच रहे हैं।

इन सभी तस्वीरों को रेल मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। यह तस्वीर #Dussehra के साथ ट्विटर पर वायरल हो रही है।

मैसूर रेलवे स्टेशन को हर साल इसी तरह सजाया जाता है। हर साल यह राज्य आकर्षण का केंद्र बना जाता है।

मैसूर पैलेस को देखने के लिए काफी दूर से लोग जाते हैं। दशहरे के मौके पर इसे काफी सुंदर तरह से सजाया गया है। इस किले को मैसूर पैलेस शाही परिवार का महल रहा है और आज भी इस महल पर उन्ही का अधिकार है। जिस भूमि पर यह महल खड़ा हैं वह पुरगिरी के नाम से जानी जाती हैं। यह पैलेस मैसूर शहर के केंद्र में स्थित हैं और इसका मुख चामुंडी हिल्स की ओर हैं। आमतौर पर मैसूर को ‘महलों के शहर’ के नाम से जाना जाता हैं।

यह तस्वीर मैसूर रेल म्यूजियम की है। दशहरा के मौके पर इसे लाइटों से सजाया गया है। रेल मंंत्रालय ने तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।

इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए रेल मंत्रालय ने लिखा कि, Dussehra के लिए मैसूर रेल संग्रहालय में सुंदर प्रकाश व्यवस्था। संग्रहालय, पुराने भाप इंजनों के अपने समृद्ध संग्रह के साथ, आगंतुकों के लिए एक यादगार अनुभव प्रदान करता है।

वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कई तस्वीरों को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। उन्होंने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, मैसूर रेल संग्रहालय में #Dussehra पर सुंदर प्रकाश, पुराने भाप इंजनों के अपने समृद्ध संग्रह के साथ, सभी आगंतुकों के लिए एक यादगार अनुभव प्रदान करता है ।

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