Bihar Caste Census: बिहार सरकार जल्द ही राज्य में जाति के आधार पर जनगणना करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार 1 जून को हुई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह फैसला भाजपा समेत बैठक में मौजूद सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से लिया है।
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पूरी कवायद एक निश्चित समय के भीतर पूरी हो जाए। उन्होंने कहा कि हर धर्म और जाति के लोगों की जनगणना की जाएगी। इसका मकसद वंचित लोगों के लिए विकास कार्य करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जाति आधारित जनगणना कराने का औपचारिक प्रस्ताव जल्द ही मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा, जिसके बाद प्रक्रिया शुरू होगी।
जाति के आधार पर जनगणना कराना एक कठिन काम है: Nitish Kumar
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जाति के आधार पर जनगणना कराना एक कठिन काम है, जिसमें भारी खर्च होता है, इसलिए राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर जनगणना कराने की प्रक्रिया में शामिल होने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बिहार के सीएम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार समाचार पत्रों में विज्ञापनों के माध्यम से जनगणना से संबंधित डेटा भी प्रकाशित करेगी, यह सुनिश्चित करेगी कि विवरण सभी के साथ साझा किए जाएं और जो कोई छूट गया है वह अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। डेटा को सभी राजनीतिक दलों के साथ भी साझा किया जाएगा।
नवंबर महीने में हो सकती है Bihar Caste Census की शुरूआत
सीएम ने आगे कहा कि हमने बिल अगली कैबिनेट बैठक में लाने और नवंबर महीने में इसे शुरू करने की बात कही है। छठ पूजा के दौरान बिहार से बाहर रहने वाले लोग भी राज्य में आएंगे और तब तक हम इसकी तैयारी पूरी कर सकते हैं। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह जाति आधारित सर्वेक्षण है, जनगणना नहीं। यह हमारी जीत है। आज हमने सर्वदलीय बैठक में सुझाव दिया कि इसमें सामाजिक मानवशास्त्रियों को शामिल किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को इसके लिए आर्थिक मदद करनी चाहिए। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सर्वेक्षण बिहार की जनता के हित में है।
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