दादा और महाराज के नाम से मशहूर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने क्रिकेट के नए नियमों की तारीफ की हैं। गांगुली ने खासकर उस नियम को काफी महत्वपूर्ण माना जिसमें बुरे व्यवहार के लिए खिलाड़ी को मैदान से बाहर निकालने का प्रावधान है। गांगुली ने कहा कि ये अच्छे बदलाव हैं और ‘जेंटलमैन गेम’ कहे जाने वाले इस खेल की साख को पुन: वापस पाने में ये नियम मदद करेंगे।
गांगुली ने कहा कि भारत के बाहर खासकर इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में निचले स्तर पर होने वाले टूर्नामेंट्स में इस तरह की समस्याएं आती हैं। कोई भी इसनए नियम के महत्व को तब तक नहीं समझ सकता जब तक वह उन टूर्नामेंट्स के वीडियो क्लिपिंग न देखे। गांगुली ने कहा कि एमसीसी ने नियमों को किसी कारण से ही बनाए हैं। गौरतलब है कि एमसीसी के उस इस समिति में सौरभ गांगुली भी शामिल थे, जिसने ये नियम बनाए हैं।
आपको बता दें कि आईसीसी द्वारा मंगलवार को तय किए गए नए नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी अंपायर को धमकाने, अंपायर के साथ गलत तरीके और जानबूझकर शारीरिक संपर्क करने, किसी खिलाड़ी या अन्य सदस्य के साथ हिंसक व्यवहार करने का दोषी होता है, तो उसे आईसीसी के नए नियमों के तहत अंपायर मैदान के बाहर भेज सकता है। ऐसे खिलाड़ी लेवल-4 के दोषी माने जाएंगे और उन्हें फिर से मैच में वापसी की अनुमति नहीं होगी। फुटबॉल में ऐसे नियम बहुत पहले से मौजूद हैं और रेफरी दोषी खिलाड़ी को लाल कार्ड दिखाकर उन्हें मैदान से बाहर भेज देता है।
और क्या-क्या खास है इन नए नियमों में
अगर कोई खिलाड़ी विपक्षी टीम के किसी सदस्य से जुबानी बहस करता है तो तुरंत ही विपक्षी टीम को पांच रन पेनाल्टी के रूप में दिया जाएगा। अगर यह जुबानी बहस शारीरिक हो जाए तो तो उपर वाले नियम के अनुसार दोषी खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेज दिया जाएगा।
नए नियम के मुताबिक अब बैट की चौड़ाई 108mm, गहराई 67mm और मोटाई 40mm फिक्स कर दिए गए हैं और सभी खिलाड़ियों को इसी आकार के बल्ले से खेलना होगा।
अगर कोई बल्लेबाज क्रीज के अंदर पहुंच गया है तो बल्ला हवा में रहने के बाद भी अब उसे रन आउट नहीं दिया जा सकेगा। ठीक इसी तरह अगर गेंद बाउंड्री पार हवा में हो और कोई क्षेत्ररक्षक उसे हवा में बाउंड्री के अंदर से खींच कर कैच करे, तब भी अब बल्लेबाज आउट नहीं माना जाएगा।
बल्लेबाजी के दौरान गेंद बैट्समैन के हेलमेट पर लगकर अगर स्टंप पर गिरती है या फील्डर के हाथ में चली जाती है तो नए नियमों के अनुसार वह आउट माना जाएगा।
अब टी-20 में भी डीआरएस को शामिल कर लिया गया है। वहीं टेस्ट क्रिकेट में अब रिव्यू टॉप-अप का नियम खत्म कर दिया गया है यानी अब एक पारी में सिर्फ 2 ही रिव्यू होगा और रिव्यू असफल होने के बाद भी 80 ओवरों के बाद उसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी।
नए नियमों के मुताबिक अगर एलबीडब्ल्यू के लिए रेफरल ‘अंपायर्स कॉल’ के तौर पर वापस आता है तो टीमें अपना रिव्यू नहीं गंवाएंगी।