क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल माना जाता है। ‘जेंटलमेन गेम’ माने जाने वाले इस खेल में बल्ला हमेशा गेंद पर हावी रहा है। क्रिकेट के नए फॉर्मेट और नए नियम इस असंतुलन को और भी बढ़ाते हैं। लेकिन क्रिकेट की नियम बनाने वाली संस्था आईसीसी ने इस बार एक ऐसा नियम लाया है, जिससे इस असंतुलन को थोड़ा सा दूर किया जा सकता है।

एक अक्टूबर से लागू हो रहे क्रिकेट के नए नियमों के अनुसार बल्ले की मोटाई (चौड़ाई) अब 40 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं हो सकती है। इस नए नियम का असर महेंद्र सिंह धोनी, क्रिस गेल, कीरोन पोलार्ड और डेविड वार्नर जैसे धाकड़ बल्लेबाजों पर पड़ेगा, जो कि गेंदबाजों का निर्ममता से धुनाई करते हैं। दरअसल इन आक्रामक बल्लेबाजों के बल्ले की मोटाई 40 मिलीमीटर से कहीं ज्यादा है। जहां क्रिस गेल, कीरोन पोलार्ड और डेविड वार्नर 50 मिलीमीटर मोटे बल्ले का प्रयोग करते हैं, वहीं पूर्व भारतीय कप्तान धोनी 45 मिलीमीटर मोटे बल्ले का प्रयोग करते हैं और शायद इसी दम पर ये बल्लेबाज गेंदबाजों पर हावी हो जाते हैं। लेकिन क्रिकेट के इन नए नियमों के अनुसार इन बल्लेबाजों को अपना बल्ला बदलना होगा।

इस नए नियम से भारतीय कप्तान विराट कोहली सहित आधुनिक क्रिकेट के ‘फैब फोर’ यानि जो रुट, केन विलियम्सन और स्टीवन स्मिथ के बल्ले पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वहीं भारतीय बल्लेबाज शिखर धवन, लोकेश राहुल, रोहित शर्मा और अंजिक्य रहाणे भी इस नए नियम से बच जाएंगे क्योंकि इनके बल्ले की मोटाई 40 मिलीमीटर या उससे भी कम है।

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