CWC Final 2011: वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में धोनी के अलावा और किस भारतीय खिलाड़ी को दिया जा सकता था प्लेयर ऑफ द मैच?

0
7

CWC Final 2011: अप्रैल 2, 2011 की तारीख भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। भारतीय टीम ने अन्तराष्ट्रीय वनडे वर्ल्ड कप के उस सीजन में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग का शानदार नमूना पेश किया था। 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल जिताने में कुछ खिलाड़ियों की भूमिका बहुत अहम रही थी। तब भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया की नैया पार लगाने का श्रेय देते हुए, आईसीसी ने उन्हें फाइनल मुकाबले का प्लेयर ऑफ द मैच चुना था। हालांकि, आज भी इसपर डिबेट चलती रहती है कि यकीनन धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन भारतीय टीम के लिए सबसे अधिक रन गौतम गंभीर ने बनाए थे। ऐसे में, जहां कुछ क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब गंभीर को मिलना चाहिए था जबकि कुछ कहते हैं कि धोनी ही उस मैच के असली हीरो थे, इसलिए उनका इस अवॉर्ड पर हक था। वहीं गौतम गंभीर ने पिछले साल (2023) ही इस डिबेट पर चुप्पी तोड़ते हुए अपने और धोनी के बजाय तीसरे पूर्व भारतीय क्रिकेटर का नाम भी इस लिस्ट में जोड़ दिया था। ऐसे में, आइए जानते हैं कि अगर वर्ल्ड कप 2011 में धोनी प्लेयर ऑफ द मैच नहीं होते तो कौन होता?

‘यह तेज रफ्तार गेंदबाज ही सच में उस मैच के प्लेयर ऑफ द मैच थे’ – गौतम गंभीर

वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में, धोनी-गंभीर को लेकर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ वाली डिबेट पर गौतम गंभीर ने कहा था कि हम दोनों ही इस अवॉर्ड के हकदार नहीं थे, इसके असल हकदार जहीर खान थे। दरअसल, गौतम गंभीर वनडे वर्ल्ड कप 2023 में बांग्लादेश बनाम न्यूजीलैंड मैच में कॉमेंट्री कर रहे थे, उस दौरान गंभीर ने बताया था, “वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में एम एस धोनी को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला था, लेकिन मेरा मानना है कि जहीर खान सच में उस मैच के प्लेयर ऑफ द मैच थे। अगर जहीर खान इतनी शानदार गेंदबाजी न करते तो श्रीलंका 350 के आसपास रन बनाती। कोई उनकी गेंदबाजी की बात नहीं करता, सब बस मेरी और धोनी की पारी के बारे में ही चर्चा करते हैं।”

वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में जहीर खान ने डाले थे 3 मेडन ओवर

वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में अगर तेज रफ्तार गेंदबाज जहीर खान के प्रदर्शन की बात की करें तो उन्होंने 10 ओवर में 6 की इकोनॉमी से 60 रन दिए थे। पॉवर प्ले में गेंदबाजी करते हुए जहीर खान ने शुरुआती तीन ओवर मेडन (यानी ओवर में कोई भी रन नहीं दिया) डाले थे। पूरे पॉवर प्ले के दौरान जहीर ने 5 ओवर डाले और केवल 6 रन ही दिए। यानी कि अपनी आधी स्पेल में जहीर ने केवल 6 रन दिए और एक विकेट भी चटकाया।

आगे मैच में उन्होंने 5 ओवर डाले जिसमें उन्होंने 54 रन दिए। पूरे मैच में जहीर को दो विकेट हासिल हुए। जहीर ने श्रीलंका के ओपनर उपुल थरंगा और बल्लेबाज चमारा कपुगेडरा को आउट किया था। बता दें कि पूरे टूर्नामेंट में जहीर खान ने सबसे अधिक 21 विकेट झटके थे। श्रीलंका ने उस फाइनल मुकाबले में 274 रन बनाए और भारत के सामने 275 रन का लक्ष्य रखा था।

गंभीर की शानदार बल्लेबाजी

गौतम गंभीर ने 2011 के फाइनल मुकाबले में 122 गेंदों का सामना करते हुए 79.5 के स्ट्राइक रेट से 97 रन बनाए थे, वह अपने शतक से महज 3 रन दूर थे। थिसारा परेरा की एक गेंद पर गलत शॉट के चयन ने उनको वापस पवेलियन भेज दिया। गौतम गंभीर ने अन्डर प्रेशर पारी खेलते हुए भारत को जीत के काफी नजदीक पहुंचा दिया था। उस समय उनका साथ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी बखूबी निभाया। दोनों बल्लेबाजों के बीच 109 रनों की पार्टनरशिप भी हुई थी।

धोनी ने की थी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी

टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मैच में श्रीलंका के दिए हुए लक्ष्य को 10 गेंद रहते चेज कर लिया था। भारत ने मुकाबले को 6 विकेट से जीतकर वर्ल्ड कप 2011 की ट्रॉफी अपने नाम की थी। उस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को चुना गया था। धोनी ने 79 गेंदों का सामना करते हुए 115.18 के स्ट्राइक रेट से नाबाद 91 रन बनाए थे। इस दौरान उनके बल्ले से 8 चौके और 2 छक्के लगे थे।

इसके अलावा, युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था। जहीर खान को गोल्डन बॉल अवॉर्ड दिया गया था।

युवराज सिंह ने फाइनल में दिखाया था ऑल-राउन्ड प्रदर्शन

कुछ क्रिकेट प्रेमियों का तो यह भी मानना है कि युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के साथ-साथ वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल का प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना जाना चाहिए था। युवराज ने फाइनल में गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट झटके। उन्होंने 10 ओवर में 4.9 की इकोनॉमी से 49 रन दिए थे। पहले उन्होंने श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा का अहम विकेट झटका था (उस समय संगकारा 48 पर खेल रहे थे)। उसके बाद युवराज ने श्रीलंकाई बल्लेबाज थिलन समरवीरा (21) को आउट किया। वहीं अगर युवराज की बल्लेबाजी की बात करें तो मैच के अंतिम क्षणों में गौतम गंभीर के आउट होने के बाद, उन्होंने दूसरे छोर से धोनी का बखूबी साथ निभाया था। फाइनल मुकाबले में युवराज ने 24 गेंद का सामना करते हुए 21 रन बनाए और पारी के अंत तक नाबाद रहे थे।

बता दें कि वनडे वर्ल्ड कप के अब तक इतिहास में यह भारत की दूसरी खिताबी जीत थी। इससे पहले साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज के खिलाफ जीता था। 1983 के वर्ल्ड कप फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला था।

यह भी पढ़ें:

WPL 2024 Final: RCBW ने जीता पहला WPL खिताब, फाइनल में DCW को 8 विकेट से दी मात

IND VS ENG :’अभी उसने पंत को खेलते नहीं देखा…’- हिटमैन ने डकेट को दिया करारा जवाब, जानें पूरा मामला

IPL 2024 Schedule : विश्व का सबसे बड़ा टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट टूर्नामेंट IPL होने वाला है शुरू, यहां देखें पूरा शेड्यूल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here