CWC 2003: गेंद हवा में थी…जैसे ही मैग्राथ ने सचिन का कैच लपका भारत के हाथ से वर्ल्ड कप छिटक गया

0
87

अब ये साफ हो चुका है कि क्रिकेट विश्वकप 2023 का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। ये पहली मर्तबा नहीं है जब ये दोनों टीमें इस तरह के मुकाबले में पहली बार भिड़ रही हों। आज से 20 साल पहले भी ऐसा हुआ था। साल 2003 में 23 मार्च रविवार के दिन ऑस्ट्रेलिया और टीम इंडिया के बीच खिताबी जंग हुई थी। उस समय यह मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में खेला गया था। इस मुकाबले में भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था।

गिलक्रिस्ट और हेडन ने दी कंगारुओं को शानदार शुरुआत

वांडरर्स स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन बैटिंग करने उतरे। दोनों ने कंगारुओं को एक शानदार शुरुआत दी और इनके बीच शतकीय साझेदारी हुई। गिलक्रिस्ट ने अर्धशतकीय पारी में 8 चौके और 1 छक्का लगाया और वे 14वें ओवर में हरभजन सिंह की गेंद पर आउट हो गए। गिलक्रिस्ट सिंह की गेंद पर वीरेंद्र सहवाग को कैच थमा बैठे और 57 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए।

पोंटिंग और मार्टिन के बीच 200 से अधिक रनों की साझेदारी

इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग खेलने उतरे। पोंटिंग और हेडन के बीच साझेदारी हो ही रही थी कि हरभजन सिंह ने 20वें ओवर में फिर से कमाल दिखाया और हेडन को आउट कर दिया। इसके बाद डेमियन मार्टिन खेलने आए। फिर जो हुआ उसका इतिहास गवाह है। दोनों ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए शानदार बल्लेबाजी की। इन खिलाड़ियों के बीच 50 ओवर पूरे होने तक 234 रन की साझेदारी हुई।

पोंटिंग की 140 की कप्तानी पारी

कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस फाइनल मुकाबले में 140 रनों की यादगार पारी खेली। अपनी शतकीय पारी में पोंटिंग ने 8 छक्के लगाए। उनका साथ देने वाले मार्टिन ने 88 रन की पारी में 7 चौके लगाए। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को जीत के लिए 360 रन का बड़ा टारगेट दे दिया था।

भारत की निराशाजनक गेंदबाजी

इस मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों ने भी निराश किया था। इस वर्ल्ड कप में भारत की ओर से सबसे सफल गेंदबाज जहीर खान इस मुकाबले में सबसे महंगे साबित हुए। उन्होंने 7 ओवरों में 67 रन दिए। 10 ओवर फेंकने वाले जवागल श्रीनाथ ने भी 87 रन दिए। हरभजन ने दो विकेट तो लिए लेकिन उन्होंने भी 8 ओवर में 49 रन दिए। आशीष नेहरा ने 10 ओवरों में 57 रन दिए।

मैग्राथ ने सचिन को पहले ही ओवर में किया आउट

360 का टारगेट चेज करने उतरी टीम इंडिया को पहले ही ओवर में ग्लेन मैग्राथ ने तगड़ा झटका दिया और सचिन तेंदुलकर को पहले ओवर की 5वीं गेंद पर आउट कर दिया। भारतीय टीम के लिए ये झटका बहुत बड़ा था क्योंकि सचिन के लिए ये टूर्नामेंट बहुत शानदार रहा था और उन्होंने पूरी प्रतियोगिता में सबसे अधिक रन बनाए थे। सचिन ने 11 पारियों में 673 रन बनाए। फाइनल मैच में सचिन सिर्फ 4 रन ही बना सके। मैग्राथ की गेंद को जब सचिन ने खेलना चाहा तो गेंद बल्ले से लगकर दूर जाने की जगह खड़ी रह गई। जब तक गेंद हवा में रही भारतीय फैंस की सांसें थमी रहीं। लेकिन नीचे मैग्राथ खड़े थे। जैसे ही उन्होंने कैच लपका, मैदान में सन्नाटा पसर गया। तेंदुलकर पवेलियन को लौट गए और भारतीय फैंस निराश हो गए।

इसके बाद कप्तान सौरव खुद बैटिंग करने आए। गांगुली और सहवाग के बीच अर्धशतकीय साझेदारी हुई। हालांकि 10वें ओवर में ब्रैट ली ने गांगुली को भी आउट कर दिया। 11वें ओवर में मैग्राथ ने एक बार फिर से कमाल दिखाया और मोहम्मद कैफ को शून्य पर आउट कर दिया। टीम इंडिया 59 के स्कोर पर 3 बल्लेबाजों को गंवा चुकी थी।

सहवाग का रन आउट होना बना टर्निंग पॉइंट

फिर सहवाग का साथ देने आए राहुल द्रविड़। दोनों ने काफी देर तक भारत की इनिंग को संभाला और 88 रन की साझेदारी की। सबकुछ सही चल ही रहा था कि 82 के निजी स्कोर पर सहवाग रन आउट हो गए। सहवाग का रन आउट होना मैच के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और मैच पर कंगारुओं ने अपना शिकंजा कस लिया। 24वें ओवर में सहवाग रन आउट हुए थे। इसके बाद बल्लेबाज आते गए और विकेट भी गिरते रहे।

द्रविड़ और युवराज सिंह ने 40 रन की पार्टनरशिप की। लेकिन 32वें ओवर में द्रविड़ को बिचेल ने आउट कर दिया। इसके बाद युवराज ब्रैड हॉग का शिकार हुए। दिनेश मोंगिया को एंड्रयू सायमंड्स ने आउट किया। फिर क्या था टेल एंडर्स भी 25 रन ही जोड़ सके और भारत की पारी 234 पर सिमट गई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया की टीम 125 रनों से यह मैच जीत गई और विश्वकप अपने नाम किया। मैग्राथ को 3 विकेट तो वहीं 2-2 कामयाबी ब्रैट ली और सायमंड्स को मिली।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here