जानें क्या है बांके बिहारी कॉरिडोर?

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में बांके बिहारी मंदिर के लिए एक विशेष गलियारे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। काशी-विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर बनाया जाने वाला बांके बिहारी गलियारा भक्तों को कृष्ण मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेगा। बांके बिहारी गलियारे के निर्माण में 262 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसका खर्चा यूपी सरकार उठाएगी। 5 एकड़ में बनने वाले इस परिसर में एक समय में 10,000 से अधिक श्रद्धालु रह सकते हैं। श्रद्धालु तीन मार्गों जुगलघाट, विद्यापीठ चौराहा और जादौन पार्किंग से मंदिर तक पहुंच सकेंगे।

मंदिर के चारों ओर जो गलियारा बनेगा, उसमें दो मंजिलें होंगी। प्रवेश परिसर का ग्राउंड फ्लोर 11,300 वर्ग मीटर में फैला होगा। इस पर पूजा सामग्री बेचने वाली दुकानें भी होंगी और इसमें कृष्ण चित्रों का एक गलियारा भी शामिल होगा। तीर्थयात्रियों के लिए 3,500 वर्ग मीटर का एक प्रतीक्षालय भी बनाया जाएगा और 5,113 वर्ग मीटर एक खुला क्षेत्र होगा। बता दें कि गलियारे के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रस्ताव को स्थानीय निवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। जिनका कहना है कि वे विस्थापित हो जाएंगे या परियोजना से उनका दैनिक जीवन बाधित हो जाएगा। पुजारियों और दुकानदारों ने भी अपने खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस परियोजना को रोकने का अनुरोध किया है। मालूम हो कि वृन्दावन मंदिर कृष्ण भक्तों के लिए उत्तर भारत में सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है।

यह गलियारा भारत के भीतर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश भर में भाजपा सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कई प्रस्तावित गलियारों में से एक है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। मध्य प्रदेश के उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके पहले चरण का उद्घाटन हो चुका है। इस पूरे कॉरिडोर की कुल लागत 800 करोड़ रुपये है।

वहीं वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर परियोजना काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा नदी के घाटों को जोड़ती है। इस परियोजना का उद्देश्य घाटों और मंदिर के बीच तीर्थयात्रियों और भक्तों की आसान आवाजाही सुनिश्चित करना है। परियोजना की कुल लागत लगभग ₹ 800 करोड़ है।

इसके अलावा केदारनाथ में भी पुनर्निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।

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