Tulsi Vivah 2021: इस दिन किया जाएगा तुलसी और शालिग्राम का विवाह, जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा-विधि

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Tulsi Vivah 2021
Tulsi Vivah 2021

Tulsi Vivah 2021: तुलसी अधिकांश भारतीय घरों के आंगन में लगी होती है और कई लोग लगभग हर दिन तुलसी की पूजा करते हैं। तुलसी भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले औषधीय पौधों में से एक है। इसे दिव्य माना जाता है और इसलिए इसे देवी के रूप में भी पूजा जाता है।

देवउठनी एकादशी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी होती है। कहते हैं आज के दिन प्रभु विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं और इस पृथ्वी के पालनहार का दायित्व संभालते हैं। व्रत के लिए ये दिन बेहद खास है। इस दिन भगवान विष्णु का शयनकाल समाप्त होता है।

TULSI 1

व्रत निर्जला या फलाहारी ही रखा जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन शालिग्राम का विवाह तुलसी से कराया जाता है। आज ही के दिन माता तुलसी और प्रभु विष्णु का विवाह हुआ था।

इसलिए हर सुहागन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से अंखड सौभाग्य और सुख-समृद्धि का प्राप्ति होती है। तुलसी विवाह के दौरान कई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

इस तरह करें तुलसी विवाह 

shaligram
  • तुलसी जी का विवाह कर रहे हैं तो पूजा के समय मां तुलसी को सुहाग का सामान और लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं।
  • गमले में शालिग्राम साथ रखें और तिल चढ़ाएं।
  • तुलसी और शालिग्राम को दूध में भीगी हल्दी का तिलक लगाएं
  •  पूजा के बाद किसी भी चीज के साथ 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
  •  मिठाई और प्रसाद का भोग लगाएं। मुख्य आहार के साथ ग्रहण और वितरण करें।
  • पूजा खत्म होने पर शाम को भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें

तुलसी विवाह 2021 तिथि

तुलसी विवाह कार्तिक माह की एकादशी तिथि (ग्यारहवें दिन) के शुक्ल पक्ष (उज्ज्वल चंद्र चक्र चरण) पर होती है इसलिए यह वैष्णव संप्रदाय के अनुसार 15 नवंबर को पड़ेगी। हालांकि 14 नवंबर को प्रबोधिनी एकादशी का व्रत रखने वाले लोग उसी दिन तुलसी विवाह करेंगे।

तुलसी विवाह 2021 तिथि का समय

एकादशी तिथि 14 नवंबर को सुबह 5:48 बजे से 15 नवंबर को सुबह 6:39 बजे तक है। द्वादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 6:39 बजे से 16 नवंबर को सुबह 8:01 बजे तक है।

तुलसी पूजन के मंत्र (Tulsi Pujan Mantra)

1-तुलसी जी के पूजन में उनके इन नाम मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए…

ॐ सुभद्राय नमः

ॐ सुप्रभाय नमः

2- तुलसी को जल चढ़ाने का मंत्र

मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी

नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।

3- रोग मुक्ति का मंत्र

महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी

आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

4-तुलसी स्तुति का मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

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