Dussehra 2023: यहां दशहरे पर दशानन का दहन नहीं बल्कि होती है पूजा…

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Dussehra 2023 : जानिये किन-किन जगहों पर मानते हैं 'रावण' को भगवान
Dussehra 2023 : जानिये किन-किन जगहों पर मानते हैं 'रावण' को भगवान

Dussehra 2023:नवरात्रि के 9 दिनों की समाप्ति के बाद आज विजयादशमी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। बचपन से ही हम सभी बुराई पर अच्छाई की जीत के चलते दशहरे के त्योहार को मनाते हैं। आज पूरे भारत में रावण के पुतलों को पटाखों से भरकर जलाया जायेगा। हम सभी ने रामायण कभी न कभी पढ़ी या फिर रामलीला देखी ही होगी। रावण की छवि अधिकतर लोगों के मन में एक क्रूर और घमंडी राक्षस के रूप में नज़र आती है। लोगों को यह जानकार हैरानी होती है कि भारत के कुछ क्षेत्रों में आज भी रावण की पूजा की जाती है। इस लेख में हम आपको रावण के ऐसे स्थानों के बारे में बताएंगे जहां रावण को भगवान के तौर पर पूजा जाता है।

इन 10 जगहों पर होता है रावण का पूजन

  1. उज्जैन में होती है पूजा
    महाकाल का शहर कहे जाने वाले उज्जैन में रावण का एक मंदिर स्थित है। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में चिखली गांव के लोग रावण का दहन नहीं करते बल्कि उसकी पूजा की जाती है। यहां के निवासियों का मानना है कि यदि वे रावण की पूजा नहीं करेंगे तो उनका पूरा गाँव जलकर खाक हो सकता है। इस धारणा के चलते चिखली गांव के निवासी रावण की मूर्ति की पूजा करते हैं।

2.मंदसौर के दामाद हैं रावण
मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी रावण की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था। इससे पहले मंदसौर को दशपुर के नाम से जाना जाता था। रावण को यहां पूजने का कारण हमारी सामाजिक परम्पराओं से जुड़ा है। दरअसल रावण का यह ससुराल होने के कारण यहां के लोग उसे दामाद के तौर पर सम्मान देते हैं। यहां पर रावण के पुतले के दहन की बजाय उसकी मूर्ति की आराधना की जाती है।

3.जसवंतनगर
यूपी के जसवंतनगर में रावण के पुतले की आरती करके उसे भगवान की तरह पूजा जाता है। रोचक बात यह है कि बाद में उसके टुकड़े कर दिए जाते हैं और लोग उन टुकड़ों को अपने घर ले जाते हैं। यहां पर दशहरे के 13 दिन बीत जाने के बाद रावण की तेरहवीं भी की जाती है।
4.बैजनाथ
हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में भी रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने अपनी घोर तपस्या से भगवान शिव को को खुश कर दिया था। जिसके पश्चात भगवान शिव ने रावण को मोक्ष प्राप्ति का वरदान दिया था। शिव के भक्त होने के चलते यहां पर उसकी पूजा की जाती है।

5. काकिनाड

आंध्र प्रदेश के काकिनाड नामक जगह पर लोग रावण को पूजते हैं। भगवान शिव के साथ-साथ यहां पर रावण की पूजा अर्चना वर्षों से चलती आ रही है। काकीनाड के मछुआरों की रावण में बहुत आस्था है।

6.जोधपुर
राजस्थान के जोधपुर में भी कुछ लोग रावण की पूजा करने में विश्वास रखते हैं। यहां कुछ लोग खुद को रावण का वंशज कहते हैं और उसकी आराधना करते हैं। जोधपुर में लोगों की मान्यताओं में काफी भिन्नता है, कुछ लोग जोधपुर को रावण का ससुराल भी बताते हैं।

7.कर्नाटक के मालवल्ली और कोलार
ऐसा देखा गया है कि कर्नाटक के कई जिलों में लोग रावण को पूजते हैं। इनमें मंडया जिले की मालवल्ली तालुका में कुछ लोग रावण के पुतले का दहन न करके उसकी पूजा करते हैं। साथ ही कोलार में लोग रावण को एक शिव भक्त होने के कारण पूजते हैं।

8.बिसरख
उत्तरप्रदेश के एक गाँव बिसरख में भी रावण को पूजा जाता है। यहां रावण का एक मंदिर भी है। लोगों का मानना है की यह रावण का ननिहाल हुआ करता था। रावण को यहां के लोग एक विद्वान पंडित के रूप में देखते हैं।

9.गढ़चिरौली
महाराष्ट्र के अमरावती जिले में भी लोग रावण को पूजते हैं। अमरावती के गढ़चिरौली के आदिवासी रावण की पूजा-आराधना करते हैं। यह समुदाय रावण और उसके पुत्र मेघनाथ को अपना देवता मानता है। दशहरे के अलावा ये आदिवासी समुदाय रावण को पूजने के लिए फाल्गुन नामक पर्व मनाता है।

10.दक्षिण-भारत
दक्षिण भारत में अनेकों स्थानों पर रावण को उसके ज्ञान, शिवभक्ति और पंडित समुदाय का होने की वजह से पूजा जाता है। यहां के कुछ लोग रावण दहन का समर्थन नहीं करते हैं। इनका मानना है की रावण दहन से ज्ञान, भक्ति और विद्वानता जैसे गुण भी जल जाते हैं ।

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