Amalaki Ekadashi 2022: सभी पापों को नष्ट करता है आमलकी एकादशी का व्रत, इस दिन आंवले के पेड़ का है विशेष महत्व, जानें कैसे हुई थी आंवले के पेड़ की उत्पत्ति

Amalaki Ekadashi 2022: हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं। यानी हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है।

0
786
Varuthini Ekadashi Vrat
Varuthini Ekadashi Vrat

Amalaki Ekadashi 2022: आज यानि 14 मार्च को आमलकी एकादशी मनाई जा रही है। फाल्‍गुन मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। आज के दिन भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है। इसका व्रत आज यानी कि 14 मार्च को रखा जाएगा। इस दिन से खरमास की शुरुआत मानी जाती है।

Amalaki Ekadashi 2022
Amalaki Ekadashi 2022

आमलकी एकादशी पर देश भर से लाखों श्रद्धालु वृंदावन जाते हैं। हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं। यानी हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है। वहीं फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर विष्णु जी और लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए।

Amalaki Ekadashi 2022
Amalaki Ekadashi 2022

हिंदू धर्म के अनुसार सभी एकादशियों का काफी महत्व माना गया है, लेकिन इन सब में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। आमलकी एकादशी को रंगभरी एकदशी भी कहते हैं। अकेली ऐसी एकादशी है जिसमें भगवान विष्णु के अलावा भगवान शंकर की भी पूजा की जाती है। इस दिन बाबा विश्वानाथ की नगरी वाराणसी में भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है।

Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी 2022 व्रत की कथा

कहा जाता है कि भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी प्रकट हुए है, लेकिन जब ब्रह्मा जी का जन्म हुआ तो वह इस बात से परेशान हो गए थे कि, वह कौन है? उनका जन्म कैसे हुआ? उनके जीवन का क्या उद्देश्य है? इन सभी बातों को जानने के लिए ब्रह्मा जी भगवान विष्णु की तपस्या करने लगें। उनके कठोर तप के बाद भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को दर्शन दिया था, भगवान विष्णु के दर्शन पाकर ब्रह्मा जी इतने भावुक हो गए थे, कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे।

Amalaki Ekadashi 2022
Amalaki Ekadashi 2022

कहा जाता है कि ब्रह्मा जी का आंसू जहां गिरा वहां आंवला का पेड़ उत्पन्न हो गया। इसलिए ही कहा जाता है कि भगवान विष्णु को आंवला बेहद पसंद है। तब आंवले के पेड़ को देखकर भगवान विष्णु ने कहा कि आज यानी फाल्गुन शुक्ल एकादशी को जो व्यक्ति आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर विधि-विधान से मेरी पूजा करेगा, उससे मैं बहुत प्रसन्न रहूंगा। उसके जीवन में किए गए समस्त पाप मिट जाएंगें। यह व्रत व्यक्ति की सभी मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देगा।

Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी के दिन इन बातों का रखें ध्यान

-आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को आंवला चढ़ाएं और खुद भी आंवले का सेवन करें। इस दिन आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है।

-आज के दिन जो लोग व्रत रख रहे हैं, उन्हें आंवले का रस पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को जल जरूर चढ़ाएं। शाम को सूर्यास्त के बाद विष्णु पूजा करें। आमलकी एकादशी के दिन व्रत और आमलकी एकादशी कथा का पाठ जरुर करना चाहिए।

Amalaki Ekadashi 2022
Amalaki Ekadashi 2022

-आज के दिन केवल फलों का ही सेवन किया जाता है। यदि अपने व्‍यापार में तरक्‍की चाहते हैं तो आमलकी एकादशी के दिन किसी मंदिर, पार्क या घर के पास आंवले का पौधा लगाएं और फिर रोज उसकी सेवा करें। आंवले के पेड़ पर रोज जल चढ़ाने और दीपक लगाने से कारोबार में तेजी से तरक्‍की मिलती है।

विस्‍तृत चुनाव परिणाम के लिए यहां क्लिक करें। ताजा खबरों के लिए हमारे साथ Facebook और Twitter पर जुड़ें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here