अयोध्या में विवादित ढांचा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में में गुरुवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का बयान दर्ज हुआ। आपको बता दें स्पेशल सीबीआई कोर्ट में सुनवाई आखिरी दौर में पहुंच चुकी है, कल यानी शुक्रवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज होने की कयास लगाए जा रहे हैं। घटना में शामिल मुरली मनोहर जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना बयान दर्ज कराया, अपने बयान में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि वे घटना में शामिल नहीं थे, उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। बता दें कि सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट के जज एसके यादव ने मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराने का निर्देश दिया था।

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में इस समय सभी आरोपियों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश के त्तकालीन मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं। सभी 32 आरोपियों के बयान सीआरपीसी की धारा-313 के तहत दर्ज हो रहे हैं। अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को ‘कारसेवकों’ ने मस्जिद ढहा दी थी। उनका दावा था कि मस्जिद की जगह पर राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था।

6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में थाना राम जन्मभूमि में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पवन कुमार पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, सतीश प्रधान, विनय कटियार, साध्वी ऋतभरा, राम विलास वेदांती, चंपत राय, नृत्यगोपाल दास, लल्लू सिंह, महंत धर्मदास, साक्षी महाराज, आरएन श्रीवास्तव समेत कई लोग शामिल हैं। आरोपियों में 32 जीवित हैं, जबकि 17 की मौत हो चुकी है।

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