बढ़ गया केजरीवाल का कद! जानें MCD की जीत का AAP के भविष्य पर क्या पड़ेगा असर?

कुल मिलाकर, दिल्ली की जनता को गलियां और सड़कें साफ-सुथरी चाहिए। निगम की सेवाओं की सुलभता चाहिए और भ्रष्टाचार से पिंड छूटना चाहिए। अगर ये कर पाएंगे केजरीवाल तो फिर राष्ट्रीय राजनीति में उनकी छवि को एक अलग आकार मिलेगा।

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बढ़ गया केजरीवाल का कद!
बढ़ गया केजरीवाल का कद!

MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावों में घोषित किए गए नतीजों से पता चलता है कि आम आदमी पार्टी अब तक 123 सीटें जीतकर मेयर बनाने की ओर बढ़ रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP), जिसने अब तक 99 सीटों पर कब्जा कर लिया है। एग्जिट पोल के नतीजों के अनुमान के मुताबिक, पहली बार दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (Delhi Municipal Corporation) पर आम आदमी पार्टी का कब्जा होता दिख रहा है। हालांकि, अभी वोटों की गिनती जारी है। आइये जानते हैं कि आम आदमी पार्टी की इस बड़ी जीत से राष्ट्रीय राजनीति में केजरीवाल का कद कितना बढ़ेगा, और पार्टी के भविष्य पर इसका क्या असर पड़ेगा।

स्वास्थ्य-शिक्षा मॉडल को दिल्ली से आगे बढ़ा सकती है ‘आप’

AAP ने एक नया ‘राजनीतिक स्टार्ट-अप’ किया है जो अब सिर्फ एक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। पहले पंजाब और अब MCD में बड़ी जीत हासिल कर आप ने दिखा दिया है कि वह अपने भ्रष्टाचार-विरोधी-स्वास्थ्य-शिक्षा मॉडल को दिल्ली से आगे बढ़ा सकती है। गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में, टीएमसी स्कोर करने में विफल रही, लेकिन AAP ने दो सीटें जीतीं। ‘रेवड़ी’ या मुफ्त उपहारों की संस्कृति पर प्रधानमंत्री का हालिया हमला केजरीवाल को निशाना बनाकर किया गया था। मोदी मुफ्तखोरी का विरोध कर सकते हैं, लेकिन केजरीवाल के सर्विस डिलीवरी मॉडल ने उन्हें दिल्ली में 3 और पंजाब में एक बड़ी जीत दिलाई है। आप ने यह भी दिखाया है कि वह आधुनिक चुनाव प्रचार को समझती है, प्रचार के लिए तकनीक और सोशल मीडिया का उपयोग करती है और कार्यकर्ताओं को छोटे इलाकों में भेजती है।

Arvind Kejriwal
MCDResults

केंद्र में विपक्ष की कमी को पूरा करेगी AAP?

MCD जीत के साथ ही AAP राष्ट्रीय राजनीति में एक मजबूत विपक्ष की जो कमी खल रही है उसे पूरा करने में लग जाएगी। देश में अगला आम चुनाव 2024 में होने वाला है। मोदी के खिलाफ मजबूत विपक्ष के लिए कई मोर्चों पर गोलबंदी हो रही है, अभी तक उसमें सफलता नहीं मिली है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी मजबूत विपक्ष के उस खाली स्पेस को भरना चाहते हैं। अब दिल्ली एमसीडी जीत के बाद पार्टी के लिए आगे की राह आसान होने वाली है।

‘कट्टर ईमानदार’ नारे को मिलेगी मजबूती

बीजेपी के विभिन्न आरोपों के बीच आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ बताते रहे हैं। MCD चुनाव के दौरान ‘कट्टर ईमानदार’ नारे के साथ आम आदमी पार्टी ने ज़ोर-शोर से प्रचार किया। ऐसे में अब पार्टी ‘कट्टर ईमानदार’ वाले नारे की छाप छोड़ने में कामयाब हो सकती है। शराब घोटाले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन को केजरीवाल लगातार ‘कट्टर ईमानदार’ नेता बताते रहे हैं।

केंद्रीय एजेंसियों का घेराव

बता दें कि खुद के मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के एक्शन पर केजरीवाल सवाल उठाते रहे हैं, इसे केजरीवाल बदले की कार्रवाई बताते रहे हैं। केजरीवाल और सिसोदिया से लेकर पार्टी के छोटे-छोटे नेता भी केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं। CBI, ED से लेकर IT तक आप नेताओं के खिलाफ एक्शन ले चुकी है। एमसीडी जीत के बाद केजरीवाल के इस दावे को भी मजबूती मिलेगी।

कूड़े के पहाड़ गायब करना बड़ी चुनौती

गौरतलब है कि एमसीडी चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने दस गारंटियां दी थी। जिनको पूरा करके दिखाना है पार्टी की बड़ी चुनौती है। इनमें सबसे बड़ा काम है कूड़े के पहाड़ों को दिल्ली से गायब करना। जिसका वादा आम आदमी पार्टी ने लोगों से किया है। विदेशी तकनीक को लाना और उसे कूड़े के पहाड़ हटाने में लगाना, इसके लिए आप को अपनी कमर कुछ ज्यादा ही कसनी होगी। इसके साथ ही दो करोड़ आबादी वाली दिल्ली को कूड़ा मुक्त यानी सफाई चकाचक करने का काम भी बड़ा है। ऐसा नहीं है कि ये काम हो नहीं सकते और AAP ने कर लिया तो उसे इसका बड़ा श्रेय भी मिलेगा।

डबल इंजन तो होगा, लेकिन…

प्रचार में AAP ने नारा दिया था ‘केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद’। कई मायने में ऐसा होगा भी, जैसे दिल्ली सरकार से सहजता के साथ धन मिले और उसका उपयोग सही ढंग से हो, इसकी पूरी जिम्मेदारी पार्टी पर ही होगी। लेकिन, जब बात केंद्र से धन मिलने की होगी तो कहीं ना कहीं मामला फंसेगा। क्योंकि, दिल्ली सरकार केंद्र की भाजपा सरकार पर सहयोग नहीं किए जाने की बात कहती रही है। इस मामले में स्थिति पहले जैसी ही रहेगी। उल्टा, निगम में आम आदमी पार्टी के आने इसके और जटिल होने की आशंका भी है।

कुल मिलाकर, दिल्ली की जनता को गलियां और सड़कें साफ-सुथरी चाहिए। निगम की सेवाओं की सुलभता चाहिए और भ्रष्टाचार से पिंड छूटना चाहिए। अगर ये कर पाएंगे केजरीवाल तो फिर राष्ट्रीय राजनीति में उनकी छवि को एक अलग आकार मिलेगा।

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