कहते हैं जितनी मेहनत करोगे उतने ही चैन से सो पाओगे। सोने के लिए दिमागी शांति जरूरी है। लेकिन कोरोना के कारण हर व्यक्ति परेशान है। किसी की नौकरी चली गई है तो किसी की जाने वाली है। और वर्क फ्रॉम होम कर के लोग परेशान हैं। इस परेशानी में प्यारी नींद खो गई है।

हर मर्ज का इलाज मौजुद है। अच्छी नींद चाहिए तो सोने के 2 घंटे पहले फोन को अलविदा कहें। अपने पसंदीदा लेखक की कहानियां पढ़े। कहानियों वो हो जो दिल को सुकून पहुंचाती हो। कहते हैं 20 मिनिट तक किताब पढ़ने से आप नींद के आगोश में चले जाएंगे।

इस बात का खुलासा ब्रिटेन स्थित ससेक्स यूनिवर्सिटी ने किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार किताबें पढ़ने से इंसान चिंता मुक्त होता है। साथ ही आत्मविश्वास बढ़ता है। क्योंकि किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं।

किताबों से स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ के स्त्राव में 68 फीसदी तक की गिरावट आती है। आप गाना भी सुन सकती हैं। अपने दोस्त से बात करे। गुनगुना दुध पीएं। पार्क में शांती से टहले।  इन तीनों ही गतिविधियों से ‘कॉर्टिसोल’ के उत्पादन में क्रमशः 61 फीसदी, 54 फीसदी और 42 फीसदी कमी दर्ज की गई है।

मुख्य शोधकर्ता डॉ. डेविड लुइस की मानें तो किताब के पन्ने पलटने से महज छह मिनट में तन और मन आराम की मुद्रा में आ जाते हैं। इससे मस्तिष्क को संकेत मिलता है कि अब सोने का समय आ गया है और वह स्लीप हार्मोन ‘मेलाटोनिन’ का उत्पादन करने लगता है। लुइस ने सिर्फ उन्हीं विषयों से जुड़ी किताबें पढ़ने की नसीहत दी, जो दिल को भाते हैं। ऐसा न करने पर मन फिर रोजमर्रा के तनाव में उलझ जाएगा और व्यक्ति सोने के लिए संघर्ष करेगा।

ई बुक को करे इग्नोर

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डिजिटल इंडिया का जवाना है। कहानियां कोरे पन्नों पर नहीं बल्कि ई बुक पर भी मिलती हैं। यानि की ऑनलाइन पढ़ाई करना। लेकिन सोते समय ई बुक का प्रयोग न करे। शोधकर्ताओं के मुताबिक स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी ‘मेलाटोनिन’ के उत्पादन में बाधा डालती है। इससे दिमाग आराम की मुद्रा में नहीं जा पाता और व्यक्ति को सोने में परेशानी आती है।

हल्का गरम पानी से स्नान करें

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एक अन्य अध्ययन में सोने से पहले गुनगुने पानी में बाइकार्बोनेट सोडा मिलाकर नहाने की सलाह दी गई है। इससे त्वचा को डिटॉक्स करने में तो मदद मिलती ही है, साथ ही शरीर की सभी थकान दूर होती है इससे फ्रेश महसूस करते हैं। ‘मेलाटोनिन’ का उत्पादन तेज हो जाता है और व्यक्ति आसानी से नींद के आगोश में समा पाता है।

रूम फ्रेशनर है अच्छा उपाए

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साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी के शोध में लैवेंडर, चंदन, पीपरमिंट, मरुआ और बबूने के फूल की खुशबू को मांसपेशियों को सुकून पहुंचाने व हृदयगति को धीमा करने में कारगर पाया गया था। कमरे में रूम फ्रेशनर का उपयोग करे या फिर लैवेंडर का फूल घर में रखे। इससे सकारात्मक माहौल बना रहता है।

शवासन आजमाएं

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वहीं, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध में शवासन और शशांकासन जैसे योग आसन को अनिद्रा की शिकायत से निजात दिलाने में असरदार पाया गया था। शोधकर्ताओं के मुताबिक इन आसनों के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र तो शांत होता ही है, साथ में रीढ़ की हड्डी भी शिथिल पड़ती है। इससे व्यक्ति चैन की नींद सो पाता है।

डॉक्टरों के अनुसार अच्छी नींद के लिए व्यक्ति को 8 घंटे सोना चाहिए, इससे चेहरे पर ग्लो बना रहता है साथ में पुरा दिन फ्रेश-फ्रेश फील होता है।

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