International Yoga Day 2023: विश्व के योग प्रेमी अंतरारराष्ट्रीय योग दिवस के 9वां मना संस्करण रहे हैं।। योग हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य उपहार है, जिसे अब पूरी दुनिया ने अपना लिया है। योग इंसान को मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से मजबूत बनाता है। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बीते शनिवार को प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी कि अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल योग के वैश्विक उत्सव का नेतृत्व करेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी मंगलवार 20 जून को अमेरिका के लिए रवाना भी हो गए हैं।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से इस वर्ष योग दिवस मनाने की जानकारी भी दी थी। आइए अब जानते हैं कि इस साल विश्व योग दिवस की थीम क्या है? इसके साथ ही हम इस दिवस को मनाने का इतिहास और इस साल के खास योग उत्सव के बारे में भी जानेंगे…
International Yoga Day 2023 की थीम- वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग
इस बार विश्व योग दिवस की थीम है “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग” यानी पूरे वैश्विक परिवार के लिए योग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस साल मनाए जाने वाले योग दिवस(21 जून) की थीम की भी जानकारी दी थी। बीते रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा,”इस वर्ष योग दिवस की थीम है- Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam यानी ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग” उन्होंने आगे कहा,”यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है। हर बार की तरह इस बार भी देश के कोने-कोने में योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।”
पीएम ने कहा,”इस बार मुझे न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, यूएन में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा।”
वहीं, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की कि “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग” इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 का विषय है, जो “एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य” के लिए हमारी साझा आकांक्षा को खूबसूरती से दर्शाता है। उन्होंने आगे बताया भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मध्य प्रदेश के जबलपुर से देश के आईडीवाई 2023 समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
भारत में इस तरह से मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
इस वर्ष के अंतरारष्ट्रीय योग दिवस समारोह में कम से कम 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान है। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था,”मैं देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है। साथियों मेरा आप सभी से आग्रह है कि आप, योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बार विश्व योग दिवस 2023 में ‘ओशन रिंग ऑफ योग’, ‘योग भारतमाला’ और ‘हर आंगन योग’ जैसी कुछ अभिनव पहल भी शामिल होंगी।
योग का ओशन रिंग(Ocean Ring Of Yoga)
दुनिया भर के नौ बंदरगाह भारतीय नौसैनिक जहाजों की मेजबानी करेंगे जो सामान्य योग प्रोटोकॉल प्रदर्शन में भाग लेंगे। CYP प्रदर्शन उन देशों में बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाएंगे जहां उन्होंने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
योग भारतमाला(Yoga Bharatmala)
योग प्रदर्शन की श्रृंखला भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी, बीएसएफ और बीआरओ द्वारा एकजुट होकर की जाएगी। योग सागरमाला में भारतीय समुद्र तट पर योग होगा। आईएनएस विक्रांत के ऊपरी डेक पर योग प्रदर्शन होगा।
हर आंगन योग(Har Aangan Yoga)
2023 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का लक्ष्य “हर आंगन योग” को राष्ट्रीय स्तर पर सक्षम बनाना है। आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों तथा शिक्षण संस्थानों के माध्यम से गांवों में योग अवलोकन को संभव बनाना है।
इन सबके अलावा देश के हर जिलों, गांवों, कस्बों, खेल मैदानों में भी विश्व योग दिवस के अवसर पर समारोह आयोजन किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। तब पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान विश्व योग दिवस मनाने का सुझाव दिया था। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि योग भारत का उपहार है और यह दुनिया भर में सभी लोगों के स्वास्थ्य और खुशी को बढ़ा सकता है। पीएम के सुझाव पर संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान दिया। उसके बाद संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए सहमत हुए। पहली बार पूरी दुनिया में 21 जून 2015 को पहला विश्व योग दिवस मनाया गया। उसके बाद से हर साल 21 जून को इस दिवस को मनाया जाता है।
बता दें कि ‘योग’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘युज’ से हुई है, जिसका अर्थ जुड़ना, जोड़ना या एकजुट करना होता है। योग, लोगों और प्रकृति के बीच सामंजस्य, मन और शरीर के मिलन, संयम और पूर्ति, विचार और क्रिया, और स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। योग के बारे में कहा जाता है कि यह एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो प्राचीन भारत में उत्पन्न हुआ था। अब पूरी दुनिया ने इसे विश्व योग दिवस के रूप में अपना लिया है।
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