Allahabad HC: सफल अ‍भ्‍यर्थियों का चयन नहीं होने पर कोर्ट सख्‍त, आयोग से मांगी जानकारी

0
347
UPPSC
UPPSC

UPPSC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने होम्योपैथी फार्मासिस्ट‌ के 420 पदों की भर्ती में सफल याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद भी चयन नहीं होने पर कोर्ट ने सख्‍ती दिखाई है। कोर्ट ने अ‍भ्‍यर्थियों को अकारण चयनित न करने के खिलाफ दायर याचिका पर उत्‍तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है, कि 14 याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद किस कारण से सफल घोषित नहीं किया गया ? याचिका की सुनवाई अब आगामी 10 मार्च को होगी।

Allahab HC 16 Feb NEW 2 6
Allahabad HC

UPPSC: चयनित करने में देरी पर कोर्ट सख्‍त

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने होम्योपैथी फार्मासिस्ट‌ के 420 पदों की भर्ती में सफल याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद भी चयन नहीं होने पर कोर्ट ने सख्‍ती दिखाई है। कोर्ट ने अ‍भ्‍यर्थियों को अकारण चयनित न करने के खिलाफ दायर याचिका पर उत्‍तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है, कि 14 याचियों को दस्तावेज सत्यापन के बाद किस कारण से सफल घोषित नहीं किया गया ? याचिका की सुनवाई अब आगामी 10 मार्च को होगी।

UPPSC: अभ्‍यर्थियों की याचिका पर मांगा जवाब

ये आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने जौनपुर के पांडेय अंकित कुमार कृष्ण कुमार एवं 13 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता केएस कुशवाहा और मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की। याची का कहना था, कि होम्योपैथिक फार्मासिस्ट पद की भर्ती विज्ञापन में होम्योपैथी फार्मेसी में डिप्लोमा व मेडिकल बोर्ड में पंजीयन अर्हता रखी गई थी।

बीते 24 अक्टूबर 19 को परीक्षा आयोजित की गई।17 दिसंबर20 को घोषित परिणाम में अभ्‍यर्थी सफल हुए। उन्हें दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया, लेकिन अंतिम चयन सूची से उन्हें बाहर रखा गया।आखिर किस कारण उन्‍हें सफल घोषित नहीं किया गया, इसकी जानकारी भी आयोग नहीं दे रहा है। जिस पर कोर्ट ने जानकारी मांगी है।

बच्चा गोद लेने के लिए शादी पंजीकरण जरूरी नहीं: हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि ट्रान्सजेंडर भी बच्‍चे को गोद ले सकते हैं। इसके लिए शादी का पंजीकरण जरूरी नहीं है।कोर्ट ने कहा कि एकल माता-पिता, हिंदू दत्तक और भरणपोषण अधिनियम, 1956 के तहत किसी भी बच्चे को गोद ले सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने एक ट्रांसजेंडर महिला रीना किन्नर और उसके पति द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

ट्रांसजेंडर महिला और उसके पति ने डाली थी याचिका
 
याचिका में उनके विवाह को रजिस्टर्ड करने के लिए ऑनलाइन आवेदन पर उप निबंधक वाराणसी को विचार करने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। याची ट्रांसजेंडर महिला और उसके पति ने दिसंबर 2000 में महावीर मंदिर अर्दली बाजार, वाराणसी में हिंदू रीति से शादी की।

उन्होंने एक बच्चा गोद लेने का फैसला किया। उन्हें बताया गया कि बच्चे को गोद लेने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम के तहत एक विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। इसलिए उन्होंने उप-निबंधक वाराणसी के समक्ष ऑनलाइन आवेदन किया था। उनकी शादी को पंजीकृत इस कारण नहीं किया जा सका क्योंकि याची की पत्‍नी एक ट्रांसजेंडर महिला है। लिहाजा उन्होंने सब-निबंधक को अपनी शादी को पंजीकृत करने का निर्देश देने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की,ताकि वे एक बच्चे को गोद ले सकें।

Child Adoption new
Child apotion

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here