AAP सरकार की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, दिल्ली में जारी रहेगा बाइक-टैक्सी पर बैन

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने आज 12 जून को दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई की।

0
23
Supreme Court New Justices
Supreme Court New Justices

Uber Rapido Case:सुप्रीम कोर्ट से उबर और रैपिडो को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें उबर, रैपिडो और अन्य दोपहिया बाइक टैक्सियों को नई दिल्ली में संचालित करने की अनुमति दी गई थी, सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को फिर से लागू किया गया था। शीर्ष अदालत बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर, रैपिडो और उबर को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। बता दें कि आप सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 मई के उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें अंतिम नीति अधिसूचित होने तक बाइक-टैक्सी संचालकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा गया था।

Uber Rapido Case

Uber Rapido Case:फरवरी में दिल्ली सरकार ने जारी किया था नोटिस

सुप्रीम कोर्ट से उबर और रैपिडो को झटका लगा है। मालूम हो कि बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर्स ने मांग की थी कि जब तक दिल्ली सरकार नीति नहीं बनाती, तब तक उन्हें बिना लाइसेंस ऑपरेट करने दिया जाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोर्ट में सुनवाई के दौरान उबर के वकील ने कहा कि साल 2019 से ही भारत के कई राज्यों में दोपहिया वाहन का इस्तेमाल बाइक सर्विस के तौर पर किया जा रहा है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इस पर किसी तरह का बैन नहीं है।
बता दें कि फरवरी 2023 में दिल्ली सरकार ने एक नोटिस जारी किया था। इसके माध्यम से दिल्ली में बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी गई थी। उबर और रैपिडो ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

वहीं, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने आज 12 जून को दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दिया जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि नीति अधिसूचित होने तक बाइक-टैक्सी संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

यह भी पढ़ेंः

कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायत में पहुंचे बजरंग पुनिया, बोले-हम यहां किसानों का…

“मुस्लिम विरोधी नहीं है समान नागरिक संहिता, इसे देश में…”, भोपाल में बोले इंद्रेश कुमार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here