“3 दिनों में 44 जजों के नाम पर लगेगी मुहर”, SC की सख्ती के बाद केंद्र का जवाब

0
103
OROP: सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
OROP: सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Supreme Court के कड़े रुख के बाद केंद्र सरकार ने कॉलेजियम के मामले का जल्दी से निपटारा करने का आश्वासन दिया है। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा 144 सिफारिशें सरकार के पास आई हैं। जिनमें से 44 का निपटारा किया जाएगा। इन दलीलों पर कोर्ट ने संतोष जताया है। साथ ही अन्य सिफारिशों पर जल्द ही फैसला करने के लिए आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 3 फरवरी को तय की है।

दरअसल, जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गए नामों के आधार पर नियुक्ति के निर्देश देने की मांग वाली याचिका कोर्ट में दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए।

Supreme Court on Gangster Act
Supreme Court

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ वाली बेंच कर रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि हम जानते हैं कि सिस्टम कैसे काम करता है और अब भी काम कर रहा है। हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। जस्टिम कौल ने कहा कि मैं आज यहां हूं, जब सिस्टम में नहीं रहूंगा तब भी सिस्टम काम करते रहना चाहिए।

हम आपको बता रहें हैं कि क्या दिक्कतें आती है मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि व्यवस्था सुचारू रूप से और कानून के हिसाब से चलती रहे। जब तक इस पर कोई कानून नहीं बन जाता तब तक तय व्यवस्था पर ही काम चलता रहे।

Supreme Court: केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल ने रखा पक्ष

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से AG ने तमाम दलीलें रखी। सर्वोच्च अदालत में AG वेकेंटरमनी ने कहा कि सरकार के पास अब तक की 104 सिफारिशों में से 44 की पुष्टि की जाएगी और अगले तीन दिनों के अंदर-अंदर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी। वहीं, राजस्थान की 10 सिफारिशें लंबित हैं। उन पर शीर्घ ही कार्रवाई की जाएगी।

AG वेकेंटरमनी ने कोर्ट को बताया कि वह इस मामले को व्यक्तिगत रूप से भी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो सुप्रीम कोर्ट में 5 लंबित सिफारिशें हैं वो इनके लिए समय चाहते हैं।

यह भी पढ़ें:

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! कॉलेजियम का ब्योरा मांगने वाली याचिका खारिज, कहा- चर्चा को सार्वजनिक करना ठीक नहीं..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here