गुजरात दंगा मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने को जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और सोमवार को मामले की सुनवाई होगी।

आपको बात दें कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री ने थे तो उन पर 2002 के गुजरात दंगों का षड़यंत्र रचने का आरोप लगा था। बता दें जाकिया पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं जिनकी गुजरात दंगों में हत्या कर दी गई थी। अक्टूबर 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम की जांच को बरकरार रखते हुए नरेंद्र मोदी समेत 58 लोगों को क्लीन चिट दे दी थी।

यह याचिका जाकिया जाफरी और तीस्ता सेतलवाड़ की जस्टिस एंड पीस फाउंडेशन ने दाखिल की है जिसने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी और 2002 में क्लोजर रिपोर्ट को पलटने वाले मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को आधार बनाया गया है।

एहसान जाफरी और अन्य 68 लोगों को गुजरात दंगों के दौरान भीड़ ने हत्या कर दी थी। यह दंगे अहमदाबाद की मुस्लिम बहुल गुलबर्ग सोसायटी में 28 फरवरी 2002 को हुए थे। यह दंगे गोधरा ट्रेन नरसंहार के बाद हुए थे। इस मामलें में जाकिया की शिकायत में वर्ष 2006 में पुलिस ने मोदी, कुछ मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ केस दर्ज किया था।

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दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि कुछ मुख्य दंगों की दोबारा जांच करे जिसमें गुलबर्ग सोसयटी मामला भी शामिल है। 27 अप्रैल 2009 को सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को जाकिया की शिकायत पर कार्रवाई करने को कहा। इस मामले में एसआईटी ने मोदी से मार्च 2012 में पूछताछ की और इसके एक साल बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।

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