Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 में गोधरा में ट्रेन कोच जलाने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ट्रेन कोच जलाए जाने के मामले में सजा काट रहे एक दोषी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह पिछले करीब 17 वर्षों से जेल में बंद है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी फारूक की ओर से पेश वकील की इस दलील को स्वीकारा, जिसमें जेल में अब तक बिताई अवधि को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत दी जाने की बात कही गई।गौरतलब है कि शीर्ष अदालत में कई दोषियों की दोष सिद्धियों के खिलाफ दायर याचिकाएं अभी विचाराधीन हैं।
Supreme court: क्या था मामला?
ध्यान योग्य है कि फारूक समेत कई अन्य लोगों को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच पर पथराव करने का दोषी ठहराया गया था।27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगा दी थी। जिसमें करीब 59 यात्रियों की मौत हो गई थी।
Supreme Court: चुनावी बांड मामले की सुनवाई जनवरी 2023 में
दूसरी तरफ चुनावी बांड योजना के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने की अनुमति देने वाले कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट जनवरी के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेगा। इस मामले में जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि मामले पर सुनवाई की जरूरत है।पीठ ने कहा कि यह केस वर्ष 2015 का है।छुट्टी के अंतिम दिन से ठीक पहले आपके पास ऐसी आपात स्थिति नहीं हो सकती है…………….. अभी कोई चुनाव नहीं है।हम इस पर जनवरी 2023 के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेंगे।
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