Supreme Court: चुनाव में मुफ्त सुविधाओं का वादा करने वाली राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रदद् करने की मांग की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा की अगर कपिल सिब्बल ने सुझाव दे दिया है, वो हमारे पास नहीं है। इसलिए मामले को कल तक के लिए टाल दिया जाए।
CJI ने कहा की जिस पार्टी को इस बाबत सुझाव देना है, समर्थन में या विरोध में हो।सभी अपने सुझाव हमें दे। मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। CJI ने कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान घोषणा करने से हम नहीं रोक सकते।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, पानी, बिजली को भी freebies ही मानेंगे ?क्या इलेक्ट्रॉनिक आइटम फ्री में बांटने को भी वेलफेयर मानेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि मुफ्त सौगात की परिभाषा क्या है? यह फैसला सर्वोच्च अदालत करेगी।
Supreme Court: अन्य पक्षों के सुझावों पर भी करना होगा गौर
CJI ने कहा कि अन्य पक्षों के सुझाव पर भी गौर करना होगा। सिर्फ राज्यों की रिपोर्ट के आधार नहीं तय कर सकते।
उन्होंने कहा कि सवाल ये है कि वैध वादा क्या है?उन वादों में मुफ्त के वादे और कल्याणकारी राज्य के लिए किए जाने वाले वादे क्या हैं ?
एक याचिकाकर्ता की तरफ से हंसरिया ने कहा कि हमने सभी राज्यों के आर्थिक हालात पर रिपोर्ट दी है। आप इस पर विशेषज्ञ समिति गठित कर दें।CJI ने कहा कि शनिवार शाम तक सभी पार्टी अपने सुझाव दाखिल करें। अब मामले की सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
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