सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सेंसर करने से रोकने के मामले में केंद्र को नोटिस जारी किया। SC ने केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है, कोर्ट अब अप्रैल में मामले की सुनवाई करेगा। कोर्ट से मांग की गयी थी कि वह सरकार को डॉक्यूमेंट्री पर रोक न लगाने का निर्देश दे।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज केंद्र को नोटिस जारी किया। दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री को पब्लिक डोमेन से हटाने के आदेश का मूल रिकॉर्ड मांगा।
याचिकाओं में डॉक्यूमेंट्री को हटाने के लिए आपातकालीन शक्तियों के उपयोग को चुनौती दी गयी है। वकील एमएल शर्मा की एक याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने कभी भी ब्लॉकिंग आदेश को औपचारिक रूप से प्रचारित नहीं किया, दो भाग वाली डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध “दुर्भावनापूर्ण, मनमाना और असंवैधानिक” है।
अनुभवी पत्रकार एन राम, कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने एक अलग याचिका दायर की है। गौरतलब है कि 21 जनवरी को, केंद्र ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए, विवादास्पद “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” के लिंक साझा करने वाले कई YouTube वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।