दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (2 जनवरी) को कोयला घोटाले के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को दी गई तीन साल की जेल की सजा पर 22 जनवरी तक रोक लगा दी। कोर्ट ने सज़ा को चुनौती देने वाली मधु कोड़ा की याचिका पर CBI से जवाब भी मांगा है।

जस्टिस अनु मल्होत्रा ​​ने कोड़ा पर लगाए गए 25 लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगा दी और 22 जनवरी तक उन्हें इस शर्त के साथ अंतरिम जमानत दे दी कि वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे। सुनवाई के दौरान मधु कोडा खुद अदालत में उपस्थित थे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश मधुकोड़ की ओर से दायर उस याचिका पर दिया जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष उनकी अपील के निपटारे तक उन्हें नियमित जमानत देने और उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की थी। कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (VISUL) को झारखंड स्थित कोयला ब्लॉक के आवंटन में भ्रष्टाचार और साजिश के दोषी ठहराए गए कोड़ा ने 13 दिसंबर और 16 दिसंबर 2017 को उनकी दी गई सजा और सजा के आदेश को चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री को 18 जनवरी तक के लिए जमानत दे दी थी। अपनी अपील में मधु कोड़ा ने कहा है कि उन्हें दोषी ठहराने का ट्रायल कोर्ट का आदेश सही नहीं हैं।

CBI की तरफ से वकील तरन्नुम चीमा की तरफ से अपील और 25 लाख रुपये के जुर्माने पर रोक लगाने का विरोध किया गया लेकिन 22 जनवरी तक की अंतरिम जमानत का विरोध नहीं किया गया। कोयला घोटाले के मामले में कुछ अन्य दोषियों ने भी हाईकोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट सभी याचिकाओं पर 22 जनवरी को सुनवाई करेगा।

बता दें कि राजहरा नॉर्थ कर्नपुरा कोयला खदान के आवंटन के मामले में मधु कोड़ा समेत 4 दोषियों और VISUL कंपनी को CBI की विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए 16 दिसंबर को सज़ा सुनाई थी। दोषी मधु कोड़ा को 3 साल की सजा दी गई और साथ में 25 लाख का जुर्माना लगाया गया। VISUL कंपनी के MD विजय जोशी को 3 साल की सजा और 25 लाख का जुर्माना लगाया गया। एच सी गुप्ता को 3 साल की सज़ा और 1 लाख रुपये का जुर्माना, ए के बसु को भी 3 साल की सजा और 1 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी और VISUL कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

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