इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस सुनीता अग्रवाल की पीठ ने हाल ही में आगरा के मानसिक अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। मामला मानसिक रूप से अस्थिर मरीज़ को अस्पताल से छुट्टी देने का है। राहुल कुमार नाम का यह मरीज़ कहां है फिलहाल इसकी कोई जानकारी नहीं है और उसकी तलाश की जा रही है।

हाईकोर्ट राहुल कुमार के पिता जगदीश प्रसाद द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। राहुल को 25 अक्टूबर 2016 को मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे अलीगढ़ के जे एन मेडिकल कॉलेज से पुलिस सुरक्षा में लाया गया था लेकिन राहुल को 28 अक्टूबर 2016 को आगरा मानसिक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राहुल कुमार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) आगरा के आदेश पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पताल अधीक्षक को बिना अदालत की मंजूरी  के रोगी को छुट्टी देने का अधिकार नहीं था। अधीक्षक मरीज़ को आपातकालीन वार्ड से नियमित वार्ड में भर्ती कर सकते थे।

अस्पताल के अधीक्षक ने हाईकोर्ट में दावा किया कि उन्होंने मरीज़ के पिता जगदीश प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर राहुल को  28 अक्टूबर 2016 अस्पताल से छुट्टी दी। अस्पताल अधीक्षक द्वारा दायर शपथ पत्र में कहा गया कि उन्होंने 27 अक्तूबर, 2016 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर रोगी को अलीगढ़ ले जाने के लए कहा था साथ ही उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को एक और आवेदन भी लिखा जिसमें आगरा अस्पताल में राहुल कुमार को भर्ती करने के लिए एक नया आदेश देने के लिए मांग की गई थी। सीजेएम ने साल 28 अक्टूबर को ही अस्पताल अधीक्षक से स्पष्टीकरण लेने की तारीख तय की थी लेकिन सीजेएम ने मरीज़ को छुट्टी देने से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया था।

हाईकोर्ट ने कहा कि इससे साफ है कि अस्पताल अधीक्षक को बिना अदालत की अनुमति के मरीज़ को छुट्टी देने का अधिकार नहीं था। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में मानसिक अस्पताल, आगरा के अधीक्षक द्वारा लापरवाही वाला रवैया अपनाया गया और यहां तक की सीजेएम न्यायालय के निर्देशों का भी पालन नहीं किया।

हाईकोर्ट ने ने आदेश दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगे और उनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई करे। अदालत ने पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ को भी निर्देश दिया कि वह राहुल कुमार की खोज करें। जैसे ही वह मिलता है, उसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अलीगढ़ के समक्ष पेश किया जाए, जो राहुल कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति का आकलन करने के लिए मनोविज्ञान और मनोरोग के क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले तीन डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड का गठन करेंगे। इस बीच उसे पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ और जिला मजिस्ट्रेट, अलीगढ़ की देखरेख में एक  सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधीक्षक अलीगढ़ और चीफ मेडिकल ऑफिसर अलीगढ़ की रिपोर्ट को अगली सुनवाई की तारीख 9 जनवरी, 2018 को कोर्ट के समाने रखा जाए।

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