साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने गुरुवार (18 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कर्नल पुरोहित ने अपने ऊपर लगाए गए अनलॉफुल एक्टीपिटीज (प्रिवेंशन) एक्टल (UAPA) को चुनौती दी है। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और समीर कुलकर्णी की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

बता दें कि 27 दिसंबर 2017 मुंबई की विशेष NIA अदालत ने पुरोहित और कुछ अन्य आरोपियों पर से MCOCA  और UAPA की धारा 17, 20 और 13 को हटा दिया था लेकिन कहा था कि UAPA की धारा 18 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी, 302, 307, 304, 326, 427 153 ए के तहत मामला चलता रहेगा। प्रज्ञा और पुरोहित के अलावा रमेश उपाध्याय, अजय रहिकर, सुधाकर और समीर पर से भी MCOCA के आरोप हटा लिए गए थे। इस मामले में अभी सभी आरोपियों को ज़मानत मिली हुई है।

29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में अंजुमन चौक पर हुए बम धमाके में 7 लोगों की मौत हुई थी और 80 से ज़्यादा जख्मी हुए थे। धमाका एक मोटरसाइकिल में विस्फोटक को लगाकर गया था। इस मामले में आज़ाद नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस  मामले में हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश के अलावा UAPA भी लगाया गया। क्योंकि मामला गंभीर था इसलिए जांच ATS को सौंप दी गई। ATS की जांच में अभिनव भारत संस्था का नाम सामने आया। ATS को मोटरसाइकिल की चैसीस नम्बर से सुराग मिला क्योंकि धमाके वाली मोटरसाइकिल साध्वी के नाम से रजिस्टर्ड थी। उसके बाद स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित कुल 11 को गिरफ्तार किया गया।

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