इंडिया लीगल रिसर्च फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार को एक सिम्पोजियम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के उपाध्यक्ष जीएस पन्नू मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए थे। इस कार्यक्रम का विषय अंतरिम बजट और प्रत्यक्ष कर प्रणाली था।
कार्यक्रम में जीएस पन्नू ने कहा कि मौजूदा दोनों कर प्रणाली समानांतर काम कर रही हैं। सरकार की ओर से कोशिश यही है कि कर व्यवस्था का सरलीकरण हो। उन्होंने बताया कि मौजूदा बजट में भी सरकार की ओर से टैक्स में छूट को जारी रखा गया है। पन्नू ने कहा कि पीएम मोदी के विकसित भारत के संकल्प पर काम किया जा रहा है।
आयकर नोटिस को लेकर एक सवाल के जवाब में जीएस पन्नू ने कहा कि अब चीजों का डिजिटलकरण किया जा रहा है। पुराने रिकॉर्ड का भी डिजिटलकरण किया जा रहा है। राज्यों को मिलने वाले टैक्स के हिस्से पर उन्होंने कहा कि तयशुदा नियमों के मुताबिक ही राज्यों को उनके हक का राजस्व दिया जाता है।
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के पास लंबित मामलों पर उन्होंने कहा कि इस समय लंबित मामलों को कम करने के मामले में अब तक सबसे अधिक सफलता हासिल की गयी है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर कहा कि भविष्य में यह हमें राजस्व के सही इस्तेमाल में मददगार साबित होने वाला है।
उन्होंने कहा कि हमारा काम लोगों को न्याय देना है चाहे सरकार को हो या कोई दूसरा अपील कर्ता। पन्नू ने कहा कि सरकार को अपने संसाधनों की निगरानी करनी चाहिए। पन्नू ने जोर देते हुए कहा कि एक अच्छी कर प्रणाली वही है जहां कर व्यवस्था विस्तृत हो इसके अंदर बहुत से लोग आते हैं। सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील बजट है।