सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (12 दिसंबर) को राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा और मोहन शांतनगुदार की बेंच ने आदेश दिया है कि अगले साल से NEET की परीक्षा में प्रश्नपत्रों के एक समान सेट होंगे और सभी सेट का अंग्रेजी, हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जो की NEET की परीक्षा करवाता है उसके खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया था कि  CBSE स्थानीय भाषा में NEET परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए प्रश्नपत्रों के अलग-अलग सेट तैयार करती है जो की अंग्रेज़ी में बनाए गए पश्न पत्र से अलग होते हैं। सुनवाई के दौरान NEET के संयुक्त सचिव डॉ संन्याम भारद्वाज ने बेंच को सूचित किया कि अगली बार से होने वाली NEET की परीक्षा में एकरूपता लाने के लिए बोर्ड एवं सलाहकार समिति के प्रिंसिपल को सिफारिशें भेज दी गई हैं।

संयुक्त सचिव द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद कोर्ट ने कहा कि संयुक्त सचिव का यह वक्तव्य कोर्ट ने रिकॉर्ड में लिया है इसके साथ ही कोर्ट ने NEET में एकरूपता से जुड़ी सभी याचिकाओं का निपटारा कर दिया।

इससे पहले, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को पूरे देश से छात्रों की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा था जिसके बाद मंत्रालय ने कहा था कि स्थानीय भाषाओं में NEET के जो प्रश्न पत्र होंगे वह अंग्रेज़ी के प्रश्न पत्र का ही अनुवाद होंगे। इसके अलावा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी कहा था कि NEET के अलावा मेडिकल कॉलेजों के लिए होने वाली अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा का स्थानीय भाषा का प्रश्न पत्र भी अंग्रेजी के प्रश्न पत्र का ही अनुवाद होगा।

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