बोफोर्स दलाली कांड में हिंदुजा बंधुओं को आरोपमुक्त करने के हाईकोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार (16 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि जब CBI इस मामले में अपील दायर नहीं कर रही है तो ऐसे में आप का इस पर याचिका दाखिल करने का क्या मतलब बनता है।

बोफोर्स मामले पर सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट ने CBI से पूछा कि उसने मामले में अब तक अपील फाइल क्यों नहीं की है। जबकि दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आये 12 साल हो चुके हैं। बोफोर्स दलाली कांड में हिंदुजा बंधुओं को आरोपमुक्त करने के हाईकोर्ट के फ़ैसले को वकील अजय अग्रवाल द्वारा चुनौती दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब CBI ने अपील दाखिल नहीं की है तो फिर क्रिमिनल केस में तीसरा पक्षकार कैसे अपील दाखिल कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर और चिंतित करने वाला विषय है कि क्रिमिनल केस में तीसरा पक्ष कैसे याचिका दाखिल कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि अभी तक जिन मामलों में तीसरे पक्ष ने क्रिमिनल केस में अपील फाइल की है वह पीड़ित या उसके परिवार के सदस्य रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर अजय अग्रवाल से जवाब तलब किया है।

सुनवाई के दौरन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर क्रिमिनल केसों में भी तीसरे पक्ष को अपील दायर करने की इजाजत दे दी गई तो समस्या हो जाएगी। जनहित याचिकाओं के दाखिल करने का दायरा बढाये जाने का नतीज़ा देखिए। इसके चलते निजी लाभ, व्यवसायिक लाभ और राजनीतिक लाभ के लिए जनहित याचिका दायर होने लगी हैं। अब ऐसे में हम आपराधिक मामलों में ऐसा करने लगे तो समस्या और खड़ी हो जाएगी। कोर्ट ने याचिकार्ता को समय देते हुए सुनवाई 2 फरवरी तक टाल दी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here