बिसरा रिपोर्ट को लेकर Allahabad High Court ने की टिप्‍पणी, DGP और गृह सचिव को दिया निर्देश

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Allahabad High Court
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Allahabad High Court ने कहा है कि बिसरा रिपोर्ट जमा करने में देरी से अपराध की विवेचना में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और डीजीपी और गृह सचिव को बिसरा जांच में गति लाने का निर्देश दिया है ताकि सही व त्वरित विवेचना हो सके और कोर्ट कार्यवाही में बाधक न बन सके।

यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल (Samit Gopal) ने झांसी के ताहिर खान (Tahir Khan) की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि बिसरा की जांच भी विवेचना का आंतरिक हिस्सा है। जिससे मौत के कारणों का पता चलता है तथा जांच को गति मिलती है। बिसरा रिपोर्ट न मिलने से विवेचना में देरी होती है। कई केसों में बिसरा सैंपल भेजने में देरी की जाती है और समय से रिपोर्ट नहीं मिलती।

दहेज हत्या मामलों में बिसरा रिपोर्ट सहायक

कोर्ट ने कहा क्या कोई उपाय नहीं है जिससे बिसरा रिपोर्ट जल्दी आये और विवेचना जल्द पूरी हो। कोर्ट ने 11 नवंबर तक सरकारी अधिवक्ता से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा जहर देकर मारने और दहेज हत्या मामलों में संदिग्ध की पहचान में बिसरा रिपोर्ट सहायक होती है। बिसरा जांच रिपोर्ट में शरीर के आंतरिक अंगों में जहर या अन्य पदार्थ से मौत के कारण का पता चलता है।

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