Allahabad HC: पूर्वोत्तर रेलवे पुलिस बल के मुख्य सुरक्षा आयुक्त अवमानना के दोषी करार, 18 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश

Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सुरक्षा आयुक्त रेलवे पुलिस बल पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के सुनील कुमार श्रीवास्तव को अवमानना का दोषी करार दिया है।

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Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सुरक्षा आयुक्त रेलवे पुलिस बल पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के सुनील कुमार श्रीवास्तव को अवमानना का दोषी करार दिया है। अपर सॉलिसिटर जनरल भारत सरकार के 24 घंटे में आदेश अनुपालन के आश्वासन पर मुख्य सुरक्षा आयुक्त को अनुपालन हलफनामे के साथ 18 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने आवास किराये और डीए का भुगतान न कर कोर्ट के याची की सेवा बहाली के साथ सभी सेवा जनित परिलाभों का भुगतान न कर आदेश की अवहेलना की है। क्योंकि नियमावली के तहत याची इनका भुगतान पाने का हकदार है।इसके भुगतान पर कोई रोक नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने आरपीएफ के कांस्टेबल कृत्यानंद राय की अवमानना याचिका पर दिया है।

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Allahabad HC: हाईकोर्ट ने याची को परिलाभों के भुगतान का दिया था निर्देश

मालूम हो कि Allahabad HC ने याची की बर्खास्तगी को अनुच्छेद 311(1) के विपरीत होने के कारण 11 अगस्त 15 को रद्द कर दिया।सेवा में बहाली सहित सभी सेवा जनित परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया। जिसका पालन नहीं करने पर वर्ष 2016 में अवमानना याचिका दायर की गई। पांच साल बाद कोर्ट के कड़े रूख पर याची को सेवा में बहाल किया गया।परिलाभों का भुगतान नहीं किया गया।

Allahabad HC: आरोप निर्मित कर कारण बताओ नोटिस जारी

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कोर्ट ने मुख्य सुरक्षा आयुक्त के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित कर कारण बताओ नोटिस दिया। क्यों न आदेश की अवहेलना करने पर सजा सुनाई जाए।इसके बाद हलफनामा दाखिल कर कहा कि पूरा भुगतान कर दिया गया है। जिस पर याची अधिवक्ता राजीव चड्ढा ने आपत्ति की और कहा कि केवल बकाया वेतन व डियरनेस भत्ते का ही भुगतान किया गया है।
आवास किराया व डीए का भुगतान नहीं किया गया है। जो आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं है।एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह ने नियमावली के हवाले से कहा कि जितने का हक था, भुगतान कर दिया गया है।

इस पर Allahabad HC ने पूछा कि क्या किराया और डीए सेवा जनित परिलाभों में शामिल नहीं है। किसी नियम से बहाल कर्मचारी को भुगतान करने पर रोक लगी है।
नियमावली में इन भत्तों को अलग नहीं किया गया है।भुगतान करने में कोई अवरोध भी नहीं है। यह नहीं है कि बर्खास्तगी से बहाल कर्मी आवास किराया व डीए का हकदार नहीं है। इसलिए भुगतान न करना आदेश की अवहेलना करना है। सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।

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