एक पुरानी कहावत है हाथी चले बाजार, कुत्ता भौकें हजार। यही बात जब एक मंत्री किसी विधायक के बारे में कहे वो भी अपने साथी दल के नेता के बारे में तो समझ सकते हैं कि लोकतंत्र में नेताओं की जुबान किस कदर विषैली हो गई है।

दरअसल विवादित या यूं कहें कि, आपत्तिजनक बयान के लिए मीडिया की हेडलाइंस बनने वाले योगी सरकार के अहम मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर आपत्तिजनक बयान दिया है। राजभर ने बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह द्वारा ताजमहल का नाम ‘राममहल’ करने की मांग पर विवादास्पद बयान देते हुए सुरेंद्र सिंह की तुलना कुत्ते से कर दी।

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ओम प्रकाश राजभर सरकारी बंगले के मुद्दे पर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के समर्थन में दिखे। अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने इस विवाद को अखिलेश यादव को बदनाम करने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी नेता हो, अखिलेश यादव हो या फिर खुद वो, बंगला खाली करते समय ऐसी हरकत नहीं करेगा।

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जाहिर है कि, ओम प्रकाश राजभर का यह बयान बीजेपी नेताओं को रास नहीं आ सकता। ऐसे में जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के बीच तू-तू, मैं-मैं तेज होती जा रही है। तो सवाल उठना लाजिमी है कि, ये दोस्ती कब तक टिकेगी।

इससे पहले भी ओम प्रकाश राजभर कई विवादित बयान देकर मीडिया में सुर्खियां बटोर चुके हैं।

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