सुप्रीम कोर्ट ने आज बैंकों से लोन लेकर लंदन फरार हुए किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या को  करारा झटका दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय लू ललित की खंड़पीठ के समक्ष बैंकों की तरफ से अपनी दलील पेश करते हुए मुकुल रोहतगी और सीनियर एडवोकेट श्याम दिवान ने कहा,’जब तक माल्या 4 करोड़ डॉलर कोर्ट में जमा नहीं कर देते तब तक उसकी सुनवाई न हो।‘ 9 अप्रैल को कोर्ट ने माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिला 40 करोड़ डॉलर का अपना अदेश सुरक्षित रखा था। आज कोर्ट ने माल्या से जवाब मांगा कि उन्होंने लंदन की कंपनी डिएगो से मिले 4 करोड़ डॉलर और ट्रस्ट से मिले मनी ट्रांसफर की जानकारी कोर्ट के समक्ष उजागर क्यों नहीं किया। गौरतलब है कि कोर्ट पहले ही माल्या के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी कर उन्हें व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश होने को कह चुका है।

क्या था मामला और कब लंदन भागे माल्या

Supreme court upholds Mallya's contempt2005 में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत की जो कि कुछ सालों तक तेजी से आगे बढ़ा लेकिन 2009 में एयरलाइंस को 418.77 करोड़ का घाटा हुआ। साथ ही शेयर मार्केट में हो रहे नुकसान के चलते माल्या पर बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ता चला गया जो कि ब्याज सहित 9,000 करोड़ रुपए हो गया। उधर, किंगफिशर एयरलाइंस अक्टूबर 2012 में बंद हो गई इसकी परमिट दिसंबर 2014 में रद्द कर दिया गया था। मार्च 2016 में माल्या बैंकों और अपने कर्मचारियों को बिना बकाए का भुगतान किये लंदन भाग निकले। भारत सरकार माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर लगातार ब्रिटेन सरकार के संपर्क में है। इस मामले में सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।

गिरफ़्तारी  के कुछ देर बाद रिहा हुए थे माल्या

9 फरवरी 2017 को भारत सरकार ने ब्रिटेन के हाई कमीशन से माल्या के गिरफ्तारी की अपील की थी जिसे ब्रिटेन सरकार ने मंजूर कर लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट भेज दिया था। पिछले महीने विजय माल्या को स्कॉटलैंड में एक्स्ट्राडीशन वॉरंट जारी गिरफ्तार कर वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया था। जिसके बाद भारत सरकार ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर राकेश अस्थाना और ईडी की टीम पुख्ता दस्तावेजों के साथ लंदन भेजी। लेकिन इसके पहले ही विजय माल्या कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए। माल्या ने इसके बाद अपने सोशल एकाउट से ट्वीट कर बोला की भारतीय मीडिया ने इस मामले को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया।

माल्या के गिरफ्तारी पर वित्त मंत्रालय का बयान

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जांच एजेंसियां विजय माल्या का प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। बता दें कि वित्त मंत्रालय की ओर से यह बयान तब आया जब लंदन में माल्या को एक्स्ट्राडीशन वॉरंट द्वारा फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन अगले ही पल माल्या को 6,50,000 पौंड की जमानत पर छोड़ दिया गया था।

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