सुप्रीम कोर्ट ने आज हाजी अली दरगाह ट्रस्ट द्वारा दरगाह के रास्ते पर अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई की सराहना की है। हालांकि, उसने संबंधित अधिकारियों से यह पूछा कि दरगाह ट्रस्ट द्वारा किए गए दावे सही हैं या नहीं। कोर्ट ने कहा कि 500 वर्ग मीटर के शेष इलाके से भी चार सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटा दिया जाए। इसके जवाब में याचिकाकर्ता ने इस जमीन से अतिक्रमण हटाने में अपनी अक्षमता को व्यक्त किया और कहा कि अतिक्रमण करने वालों को जगह का उपयोग करने के लिए अपेक्षित लाइसेंस था। न्यायालय ने अधिकारियों से इस सम्बन्ध में आवश्यक पूछताछ करने को कहा है।

प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने निर्देश दिया कि दरगाह के चारों ओर सौन्दर्यीकरण की योजना 30 जून या उससे पहले शीर्ष अदालत में पेश करनी होगी। पीठ ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा तैयार सौन्दर्यीकरण की योजना स्वीकार की जा सकती है और यदि आवश्यक हो सके तो  मुंबई की नगर परिषद इसमें सुधार कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि अतिक्रमण करने वाले 6 जून तक अतिक्रमण हटाने के आदेश का पालन नहीं करें तो बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा गठित संयुक्त कार्य बल 10 जून से उन्हें हटाने का काम करेगा और इस काम को 30 जून तक पूरा करेगा। पीठ ने कहा कि यह आदेश 13 अप्रैल को पारित आदेश की ही कड़ी है। कोर्ट ने ट्रस्ट द्वारा 8 मई तक अमल के बारे में दाखिल हलफनामा भी रिकॉर्ड में लिया। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई 2017 को होगी।

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