राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ने वाले शहीद कारसेवकों को आज भले ही जनता और पुरानी सरकारें भूल गईं हो लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को यह बलिदान बखूबी याद है। तभी तो सरकार ने कारसेवकों के सम्मान में बलिदानी रामभक्त मार्ग बनवाने का ऐलान किया है। सड़क शहीद कारसेवकों के घर तक जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार साल 1990 में राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ने वाले शहीद 16 कारसेवकों के नाम से सड़क बनवाने जा रही है। मार्ग पर कारसेवकों के नाम के साथ तस्वीर भी लगाई जाएगी।

उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा है कि सरकार 90 के दशक की शुरुआत में राम मंदिर आंदोलन के दौरान मारे गए कारसेवकों के नाम पर राज्य में सड़कों का नाम रखेगी। उन्होंने कहा, ‘सड़कों को ‘बालिदानी राम भक्त मार्ग’ कहा जाएगा और यह कारसेवकों के घर की ओर जाएगी, जिसमें मृतक का नाम और तस्वीर पट्टिका पर प्रदर्शित होगी।’

मौर्य ने कहा,’कारसेवक 1990 में रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आए थे। तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे भगवान राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। कई मारे गए थे। आज, मैं घोषणा करता हूं कि यूपी में सड़कें बनाई जाएंगी. ऐसे सभी कारसेवकों का।’

उपमुख्यमंत्री आगे कहते हैं, नवंबर 1990 में अयोध्या में पुलिस गोलीबारी में सोलह कारसेवक मारे गए थे। यह संख्या बहुत अधिक थी। बाहरी और आंतरिक शत्रुओं से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों और पुलिस अधिकारियों के सम्मान में ‘जय हिंद वीर पथ’ का निर्माण किया जाएगा।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश में तब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। हिंदू साधु-संतों ने अयोध्या कूच कर रहे थे। उन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अयोध्या पहुंचने लगी थी। प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था, इसके चलते श्रद्धालुओं के प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। पुलिस ने बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखी थी।

कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई थी। पहली बार 30 अक्टबूर, 1990 को कारसेवकों पर चली गोलियों में 5 लोगों की मौत हुई थीं। 5 कारसेवकों को बाद मामला अधिक खराब हो गया। उमा भारती के साथ भारी संख्या में कारसेवक अयोध्या कूच करने लगे। प्रशासन इन्हें रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन भारी भीड़ को रोकने में सफल रही सपा सरकार ने सभी पर गोलियां चलवाई जिसमें दो दर्जन से अधिक कारसेवकों की मौत हो गई।

इस मुद्दे पर काफी समय बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सफाई पेश करते हुए कहा था कि, जो हुआ उसका मुझे अफसोस है लेकिन देश की एकता को बनाए रखने के लिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा था।

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