उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक की। इस बैठक में योगी सरकार ने अपने वादों को पूरा करते हुए कई अहम फैसले लिए। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा वाला वादा था किसानों की कर्ज माफी का, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी रैली में कहा था कि बीजेपी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ही किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया जाएगा। इसी के मद्देनजर योगी सरकार की पहली बैठक से किसानों को काफी उम्मीदें थी और सरकार ने भी उन्हें नाराज नहीं किया। योगी सरकार की ओर से उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यूपी की प्रवक्ता के तौर पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की। योगी सरकार ने यूपी में 2.15 करोड़ किसानों का 36 हजार 359 करोड़ का फसल कर्ज माफ करने का ऐलान किया है। उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रेस वार्ता में कहा कि गेहूं, धान, कीटनाशक और खाद के लिए किसानों द्वारा किसी भी बैंक से लिया गया कर्ज माफ किया जाएगा।
पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले:
- 5000 गेहूं खरीद केंद्र खुलेंगे
- 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद होगी
- गेहूं खरीद पर 1625 रुपए का समर्थन मूल्य
- गेहूं खरीद का पैसा सीधे किसान के खाते में जाएगा
- गेहूं की फसल इस बार बहुत अच्छी हुई है, 7 हजार गेहूं खरीद केंद्र बनेंगे
- मंत्री करेंगे गेहूं केंद्रों की मॉनिटरिंग
- किसानों को बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति
- आलू पैदा करने वाले किसानों को मिलेगी राहत
- उप-मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति बनेगी।
- उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश के लिए उद्योग नीति बनेगी
- नई उद्योग नीति के लिए मंत्री समूह का गठन किया गया।
- उधोग नीति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
- किसान राहत बॉन्ड का भी ऐलान
- लघु व सीमांत किसानों को ऋण माफी का लाभ मिलेगा।
- 30729 करोड़ रुपए का किसानों का कर्ज माफ।
- एक लाख रुपए तक का किसानों का कर्ज माफ।
- एनपीए में तब्दील हो चुका किसान ऋण 5630 करोड़ रुपए का माफ।
- बॉन्ड के जरिए इसका पैसा लाया जाएगा।
- फसल के समर्थन मूल्य का पैसा किसानों के खातों में
- अवैध बूचड़खानों को लेकर अहम प्रस्ताव
- अवैध बूचड़खानों में NGT के निर्देशों का पालन होगा
- गाजीपुर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनेगा
- उत्पीड़न करने वाले पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से हासिल करने से पहले भाजपा ने अपने चुनावी रैली में लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017 में निम्मलिखित अहम घोषनाएं की थी:-
- किसानों का कर्ज होगा माफ
- भू-माफियाओं के खिलाफ टास्क फोर्स का होगा गठन
- बुंदेलखंड के विकास के लिए बुंदेलखंड विकास बोर्ड का होगा गठन
- 5 साल में गांवों को देंगे 24 घंटे बिजली
- गरीबों के लिए पहले 100 यूनिट के लिए 3 रुपये प्रति यूनिट पर उपलब्ध होगी बिजली
- पर्यटन स्थलों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरु होगी
- गरीब घर में बेटी का जन्म होने पर 5000 रुपये की मदद दी जाएगी
- महिलाओं की 3 नई बटालियन बनाई जाएगी
- 100 नंबर डायल करने पर 15 मिनट में पुलिस के पहुंचने का वादा
- धार्मिक तनाव की वजह से नहीं होगा पलायन
- तीन तलाक पर महिलाओं की राय लेंगे
- लखनऊ और नोएडा मेट्रो का होगा विस्तार
- स्नातक तक की छात्राओं और 12वीं तक के छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा
- बिना किसी भेदभाव के छात्र-छात्राओं को देंगे लैपटॉप
यूपी सरकार द्वारा पहली कैबिनेट बैठक के बाद ही इतनी भारी भरकम घोषणाओं से विपक्ष में खलबली मच गई है। यूपी के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह प्रेस को संबोधित कर रहे थे तभी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बयान दिया कि बीजेपी ने पूर्ण कर्ज माफी का ऐलान किया था ना कि सीमा माफी का। साथ ही कांग्रेस ने भी अखिलेश के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि बीजेपी ने पूर्ण कर्ज माफ करने का वादा किया था लेकिन उसके नाम पर कुछ भी नहीं किया। ये घोषणा किसानों को गुमराह करने वाली है।बहरहाल विपक्ष के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री द्वारा किये गए वादों पर योगी सरकार की यह घोषणा काफी अहम् है।