देश का पेट भरने वाला अन्नदाता कर्ज की वजह से कई परेशानियों से जूझ रहा है, खेतीबाड़ी को लेकर किसानों के पास एडवांस जानकारी नहीं है जिसकी वजह से वे फसलों की सेहत को समझ नहीं पाते, लेकिन अब किसान फसलों की सेहत को आसानी से जान पाएंगे, किसान अब सैटेलाइट की मदद से भी अपने खेतों और फसलों की सेहत जान सकेंगे। इसके लिए सिर्फ एक रुपये-एक एकड़ के हिसाब से अदा करना पड़ेगा। इसके अलावा भी खेतीबाड़ी से जुड़ी और कई तरह की एडवांस जानकारियां भी किसानों को कम समय में उपलब्ध हो जाएंगी।

इसके लिए देश के युवाओं ने कई तरह के स्टार्टअप तैयार किए हैं। युवाओं के इन र्स्टाटअप का प्रदर्शन एक से चार दिसंबर तक होने वाले इंटरनेशनल एग्रो टेक इंडिया 2018 फेयर में किया जाएगा। देश में इस तरह के 50 से अधिक स्टार्टअप है, जो कृषि फील्ड पर काम कर रहे हैं। इनमें से कई स्टार्टअप सैटेलाइट बेस्ड काम कर रहे हैं।

गुड अर्थ एवं सीआईआई एग्रोटेक इंडिया के चेयरमैन संजय छाबड़ा ने बताया कि किसान की आय बढ़े, इसके लिए सरकारी नीतियों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी भी बड़ी मददगार है।

किसानों को सैटेलाइट से पता लग सकेगा कि उनके खेत और फसल की सेहत कैसी है। एक र्स्टाटअप के अनुसार किसानों को फसल में कीड़ा लगने पर मोबाइल से पौधे की फोटो सेंड करनी है, थोड़ी ही देर में जानकारी आ जाएगी कि ऐसी स्थिति में उसे किस दवाई का कितना इस्तेमाल करना है।

सीआईआई एग्रो टेक इंडिया की मेजबानी हरियाणा और पंजाब करेंगे। जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें 8 देशों के 37 विदेशी प्रदर्शकों सहित 195 प्रदर्शकों की सहभागिता भी रहेगी।  कनाडा, चीन, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और यूएसए जैसे देश एग्रो टेक में भाग ले रहे हैं।’

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