पिछले कई सालों से कश्मीर घाटी में आतंकवादी विरोधी अभियान चला रहे हैं, लेकिन साल 2016 में युवाओं का दर्जनों की तदाद में आतंकी संगठनों में शामिल हो जाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी और गंभीर समस्या बन गई थी

आंकड़ों की मानें तो पिछले साल नवंबर महीने से इस वर्ष सितंबर के महीने तक 135 कश्मीरी युवा घाटी में विभिन आतंकी संगठनों में शामिल हुए, लेकिन पुलिस के दावे की मानें तो पिछले दो महीनों से कश्मीर घाटी में किसी भी युवा की किसी आतंकी संगठन में शामिल होने की खबर नहीं है। आतंकी संगठनों में नई भर्ती थम गई है। बड़े- बड़े कमांडरों के मारे जाने से घाटी में आतंक में काफी कमी आई है।

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार, ” मिलिटेंसी के ग्राफ में तो काफी कमी हुई है। पिछले दिनों अच्छे और कामयाब ऑपेरशन हुए। इनमें काफी तादाद में आतंकियों के कमांडर मारे गए, जिससे आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। पहले से मिलिटेंट्स के रिक्रूटमेंट का सिलसिला अब न सिर्फ बहुत कम हुआ है, बल्कि वह न के बराबर है। आज की तारीख में कोई ऐसी जानकारी पिछले दो महीने से नहीं मिली कि यहां कोई भी नया युवा आतंकियों की फेहरिस्‍त में शामिल हुआ हो”। उन्‍होंने कहा कि “लोग हमारे साथ सहयोग कर रहे है और हम उनका शुक्रिया अदा करना चाहते है”।

उनके अनुसार, “कश्मीर घाटी में पिछले एक हफ्ते में 20 आतंकियों के मारे जाने को सुरक्षाबल एक बड़ी सफलता के रूप में देख रहे हैं। इस साल में अबतक 230 आतंकी मारे जा चुके हैं वहीं सुरक्षाबलों की तरफ़ से जारी की गई टॉप 12 आतंकियों की लिस्ट में अब केवल तीन ही बचे हैं। पुलिस मानती है कि इस सबके पीछे लोगों का बढ़ता सहयोग है”।

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