कौन हैं Justice Shekhar Yadav, जिन्होंने पीएम मोदी को दिया यूपी चुनाव टालने का ‘सुझाव’ ?

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Justice Shekhar Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट के Justice Shekhar Yadav 23 दिसंबर को एक आपराधिक मामले में सुनवाई के दौरान कोरोना संक्रमण पर चिंता जाहिर करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगाने या फिर चुनाव स्थगित करने का ‘सुझाव’ देकर पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं।

जस्टिस शेखर यादव ने यह सुझाव एक अपराधी संजय यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।गैंगस्टर संजय यादव की जमानत को मंजूरी देते हुए अपने ऑब्जरवेशन में जस्टिस शेखर यादव ने कहा, ‘राजनीतिक पार्टियों से यह कहा जाए कि वह चुनाव प्रचार टीवी व समाचार पत्रों के जरिए करें’।

Justice Shekhar Yadav ने कहा कि जान है तो जहान है

इसके साथ ही जस्टिस शेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया वो पार्टियों की चुनावी सभाएं और रैलियां को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। जस्टिस शेखर यादव ने कहा कि जान है तो जहान है।

वैसे यह पहला मामला नहीं है कि Justice Shekhar Yadav के फैसले की हर ओर चर्चा हो रही है। वह अक्सर ही ऐसे फैसले देते रहे हैं, जो खबरों की सुर्खियां बनते रहे हैं। एक अन्य केस की सुनवाई के दौरान हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर शेयर करने के मामले में जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा था कि संसद को भगवान राम और कृष्ण के सम्मान के लिए कानून बनाना चाहिए।

Justice Shekhar Yadav
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इसके अलावा वो संसद से भगवान राम, भगवान कृष्ण, रामायण और इसके रचयिता वाल्मीकि सहित गीता और महर्षि वेदव्यास को ‘राष्ट्रीय सम्मान’ देने के लिए जरूरी कानून लाने की बात भी कह चुके हैं।

Justice Shekhar Yadav ने बीते सितंबर महीने में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का केंद्र सरकार को सुझाव दिया था। उन्होंने गाय के वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक उपयोगिता को देखते हुए मोदी सरकार को सलाह दी थी कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए।

जस्टिस शेखर यादव ने अपने फैसले में कहा था कि भारत में गाय को माता मानते हैं और यह हिंदुओं की आस्था का विषय है। उन्होंने कहा था कि आस्था पर चोट करने से देश कमजोर होता है और गौ मांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है।

Justice Shekhar Yadav ने गाय को भारतीय कृषि की रीढ़ बताया

उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा था जीभ के स्वाद के लिए जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता है। बूढ़ी और बीमार गाय भी कृषि के लिए उपयोगी है। इसकी हत्या की इजाजत देना ठीक नहीं है। उन्होंने गाय को भारतीय कृषि की रीढ़ बताया था।

जस्टिस शेखर यादव ने गोवध से जुड़े एक मामले में संभल के जावेद की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र देश है जहां सभी संप्रदायों के लोग रहते हैं और पूजा पद्धति भले ही उनकी अलग हो सोच सभी की एक है। एक दूसरे के धर्म का सभी आदर करते हैं। उन्होंने कहा था कि गाय को मारने वाले को छोड़ा गया तो वह फिर से अपराध करेगा इस आधार पर उन्होंने संभल के जावेद की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

इसी तरह Justice Shekhar Yadav ने इस साल 9 अक्टूबर को भगवान राम और कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले आकाश जाटव उर्फ सूर्य प्रकाश को की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित नहीं है। इस पर कुछ प्रतिबंध भी लागू हैं।

Justice Shekhar Yadav ने अपने फैसले में कहा था कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी व्यक्ति को दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। भगवान राम और कृष्ण के खिलाफ सोशल मीडिया में अश्लील टिप्पणी के मामले में कोर्ट ने कहा था कि राम के बिना भारत अधूरा है। जिस देश में रह रहे हैं उस देश के महापुरुषों और संस्कृति का सम्मान भी जरूरी है।

उन्होंने कहा था कि कोई ईश्वर को माने या न माने लेकिन उसे किसी की आस्था पर चोट पहुंचाने का कतई अधिकार नहीं है। इस टिप्पणी के साथ ही जस्टिस शेखर यादव ने याची आकाश जाटव उर्फ सूर्य प्रकाश को दोबारा ऐसे अपराध न करने की चेतावनी देते हुए सशर्त जमानत भी मंजूर कर ली थी।

57 साल के Justice Shekhar Yadav को दिसंबर 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में पदोन्नत किया गया था और मार्च 2021 में उन्होंने स्थायी जज के रूप में शपथ ली थी। अपनी पदोन्नति से पहले वह उत्तर प्रदेश राज्य के लिए स्थायी वकील, भारत के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील और यूपी की अदालतों में रेलवे के लिए स्थायी वकील का पद संभाल चुके हैं। इस समय जस्टिस शेखर यादव हाईकोर्ट की इलाहाबाद बेंच के जज हैं और साथ ही कौशांबी जिले के प्रशासनिक जज भी हैं।

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